Hindi, asked by narenderrambass2831, 8 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
जल मानव की मूल आवश्यकता है जल के बिना न तो मनुष्य जीवन संभव है, न ही वह किसी कार्य को
संचालित कर सकता है। जल से ही सब कुछ पैदा हुआ है | जन्म से मरण तक मनुष्य के जीवन में सभी
कर्मकाण्डों, यज्ञो आदि में जल का बहुत महत्व है । जल दिव्य गुण युक्त है । इसका ठीक प्रयोग शरीर व
मन को स्वस्थ बनाता है, परिणामतः हमारे चेहरे पर एक मुसकुराहट होती है । जल के अभाव में मनुष्य के
प्राण कंठ तक आ जाते है और सभी काम अधूरे रह जाते है । जल के अभाव में सृष्टि की कल्पना भी नहीं
की जा सकती | जल को सम्मान का पर्यायवाची भी माना जाता है । मनुष्य के शरीर में 70% पानी की
मात्रा है । पशु-पक्षियों का जीवन जल से निर्धारित है । पेड़-पौधों की पानी की आवश्यकता मौसम पर निर्भर
है । पेड़-पौधे जितना पानी लेते है वे वातावरण में उसे रिसने की क्रिया द्वारा छोड़ते है । इससे जलवायु में
भी सुधार होता है । इस प्रकार जीवन में जल का बहुत महत्व है । जल ही जीवन है या कहिए जीवन ही
जल है | जल को पीने व सिचाई के लिए देना भी एक पुण्य कार्य माना गया है । जल प्यासे के गले से
उतरकर उसे मौत के मुहँ से बचा लेता है । इन सभी द्रष्टिकोणों से जल की उपयोगिता मनुष्य के लिए बढ़
जाती है।
(क) मानव के लिए जल किस रूप में महत्वपूर्ण है ?
(ख)जल को सृष्टि का जन्मदाता क्यों माना गया है ?
(ग) प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिये कि पेड़-पौधों का क्या महत्व है ?
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(घ) गद्यांश के आधार पर मानव जीवन में जल की उपयोगिता सिद्ध कीजिये |
(ङ) किसके अभाव में सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती?
(च) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
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Answers

Answered by sreturn
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Answer:

1) manav ke liye jal janm se lekar mityu tak ke liye mahtapuran hai.

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