१-निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए?
आजादी किसे अच्छी नहीं लगती। पिंजरे में बंद पंछी जब खुला आसमान और उसमें पख
फैलाकर उडते पखेरुओं को देखता है। सुहानी हवा और पानी की रवानी को देखता है तो
उसका मन भी मचल उठता है। सारे बंधनों को तोडकर वह उन्मुक्त होना चाहता है।
उसका मन गगन की आखिरी सीमा को छूने के लिए बेताब हो उठता है।
आजादी चीज ही ऐसी है। जिसके लिए कोई भी मूल्य चुकाया जा सकता है। एक समय
ऐसा था जब हमारे देश में आजादी नहीं थी। विदेशी अंग्रेज आक्रांताओं ने छल से व्यापार
करने की अनुमति माँगी और कुटिल नीतियों से हमारी धरती पर अधिकार कर लिया। माल
गोदाम बनाने के नाम पर किले बना लिए और उनकी चौकीदारी के बहाने फौज खडी कर
ली। जब बंगाल के नबाव सिराजुद्दौला ने विरोध किया तो उसके सेनापति मीरजाफर को
अपनी ओर मिलाकर गद्दारी से बंगाल की सेना को हराकर मनमानी लूट का अधिकार ले
लिया। फिर धोखे और बेईमानियों का, साजिशों का अटूट सिलसिला चल निकला। इस
खेल में हम पीछे थे इसलिए पहले हम पर अधिकार किया और फिर दमन का अबाध क्रम
चल पड़ा। जिसमें हमारी स्वतंत्रता उनके यहाँ गिरवी रख ली गई। is Gandhi ash ke liye upyog Shri Shaikh likhiye
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आजादी
Explanation:
ऐसे गद्य का शीर्षक आजादी होगा।
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ee gayadansh ka sheershak hai adhikaar
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