१. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर गद्यांश से चुनकर लिखिए।
एक भिखारी था। वह दिनभर भीख माँगता फिरता था। जो मिल जाता उसी से वह अपना गुजारा कर लेता।
कभी भीख में कुछ भी न मिलता, तो उसे भूखे ही रहना पड़ता। एक दिन भिखारी ने सोचा “में लोगों से
माँगने के बजाय राजा से ही क्यों न माँगू। उसके पास तो बहुत कुछ है। वह उसमें से थोड़ा-सा ही
मुझे दे दे तो इस प्रकार रोज-रोज मुझे भीख माँगने के लिए भटकना न पड़े।"
एक दिन वह राजा के यहाँ जाने के लिए निकला। रास्ते में भगवान का मंदिर आया। राजा, रानी,
राजकुमार और राजकुमारी भगवान के दर्शन करने आए हुए थे। भिखारी मंदिर के बाहर खड़ा होकर
देखने लगा। राज-परिवार मंदिर में प्रवेशकर भगवान की मूर्ति के आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। राजा
ने भगवान की आरती उतारी, नैवेद्य अर्पण किया और प्रार्थना की, “हे भगवान! आप बड़े दयालु हैं। आप
विश्व के स्वामी हैं। आप मुझ पर कृपा कीजिए। मेरे भंडार भरे रहें, मेरी प्रजा सुखी रहे।"
यह सुनकर भिखारी को बहुत आश्चर्य हुआ। वह सोचने लगा, “मैं राजा के पास उससे कुछ माँगने के
लिए जा रहा था, लेकिन राजा तो खुद ही माँग रहा है। जो खुद माँग रहा हो वह मुझे क्या दे सकेगा?
राजा जिससे माँग रहा है, मैं भी उसी से क्यों न माँगू? राजा से बड़ा तो भगवान है।"
राज-परिवार के चले जाने के बाद भिखारी मंदिर में गया। उसने भगवान से सच्चे दिल से प्रार्थना की,
"हे भगवान! मुझे सुखी करा"
अ. भिखारी दिन-भर
था।
आ. राज-परिवार के साथ
आया था।
इ. राजा भगवान से क्या प्रार्थना किया?
क. खुश रहे
ख. दूसरों का भंडार भरे
ग. सिर्फ प्रजा सुखी रहे
घ. उसका भंडार भरे और प्रजा सुखी रहे
ई. “जो खुद माँग रहा हो वह मुझे क्या दे सकेगा?"- किसने कहा?
क. राजा
ख. राजकुमार
ग. रानी
घ. भिखारी
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1. true
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3. Raja ne bhagwan se prathna ki ki aap bade dayalu ho aap vishv ke swami ho mera bhandar bhara rahe or meri praja khush rahe.
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