Hindi, asked by zapzordx, 4 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-

मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े सभी प्राणीयों और पदार्थे में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए की मनुष्य बड़ा ही
बुद्धिमान और विचारवान प्राणी है । अपने विचारों के बल पर वह कुछ भी कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है।
परन्तु वे विचार सच्चे, मनुष्य के व्यावहारिक जीवन से संबंध रखने वाले, सादे और पवित्र होने चाहिए । इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ही सादे जीवन और उच्च विचारों को मानव-जीवन की सफलता की सीढी तो माना ही गया,सारी मनुष्यता बल्कि सारे प्राणी जगत का हित साधने वाला भी माना गया । सादगी व्यक्ति के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव-भाव और विचार से भी टपकनी चाहिए। तभी वह सब तरह की उन्नति और विकास का कारण बन जाया करती है। विश्व
इतिहास गवाह है की संसार में आरंभ से ही सादगी पसंद लोग ही दूसरों को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास का कारण बन जाया करती है। विश्व इतिहास गवाह है की संसार में आरंभ से ही सादगी पसंद लोग ही दूसरों को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास की राह
प्रशस्त करते आ रहे हैं | महात्मा बुद्ध, संत कवीर, गुरु नानक, महात्मा गाँधी, डॉ. राधाकृष्णन, बिनोवा भावे आदि
महापुरुष इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए |

(ख) मनुष्य को इस संसार के सभी प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ क्यों माना गया है?

(ग) मनुष्य के विचार कैसे होना चाहिए ?

(घ) किसे मानव जीवन की सफलता की सीढ़ी माना गया है ?

(ड) निम्नलिखित शब्दों की भाववाचक संज्ञाए लिखिए -
ऐतिहासिक, विकसित

PLEASE SOLVE IT.​

Answers

Answered by avi1660
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Answer:

1) manushya aur pashu

2) kyuki manushya boht hi buddhiman aur vicharman mana gaya h

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