निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
अपने जीवनमूल्यों की पोषक परंपरा के लिए हमारा भारतवर्ष वैदिक काल से ही सम्पूर्ण विश्व में ज्ञान और शिक्षा का संवाहक रहा है। अपनी अप्रतिम मेधा के बल पर इस देश के मनीषियों एवं प्रबुद्ध चिंतकों ने सम्पूर्ण धरती के ज्ञान पिपासुओं को अपनी ओर आकृष्ट किया। सूचना क्रांति के वर्तमान युग में शिक्षा मानव के अस्तित्व का प्रतीक बन गई है। अशिक्षा और निरक्षरता जहाँ एक ओर विकास की गति को अवरुद्ध करती है वहीं मानव की सोच उसकी वैचारिक क्षमताओं को भी संकीर्ण करती है। निरक्षरता के उन्मूलन और साक्षरता के प्रसार का अभियान इस राष्ट्र के लिए नई बात नहीं, यहाँ तो युगों पूर्व ही घोषणा कर दी गई थी कि बच्चों को शिक्षा न देने वाले माता - पिता शत्रु है। ऋषियों के आश्रमों - गुरुकुलों से निरन्तर जलता शिक्षा का मणिदीप इस राष्ट्र की संस्कृति की पावन धारा को निरन्तर ऊर्जा व
प्रकाश प्रदान करता रहेगा।
(क) भारतवर्ष सम्पूर्ण विश्व में किसका संवाहक रहा है ?
(1) ज्ञान और शिक्षा का।
(ii) परंपराओं का।
(ii) जीवन मूल्यों का।
(iv) बुद्धि और बल का।
(ख) धरती के ज्ञानपिपासुओं को भारतीय मनीषियों ने कैसे आकृष्ट किया ?
(i) जीवन मूल्यों के बल पर।
(ii) प्रबुद्ध चिंतकों के बल पर।
(ग) विकास की गति को अवरुद्ध कौन करते हैं?
(i)
ज्ञान पिपासु।
(iii) प्रबुद्ध चिंतक।
(घ) माता-पिता शत्रु हो जाते हैं जब वे :
(1) संतान का पालन नहीं करते।
(iii) संतान की रक्षा नहीं करते।
(ङ) शिक्षा को मणिदीप कहा है क्योंकि :
(i) शिक्षा बहुमूल्य मणि जैसी है।
(iii) मणि का दीपक दुर्लभ है।
(ii) ज्ञान और शिक्षा के बल पर।
(iv) अपनी अप्रतिम मेधा के बल पर।
(ii) अशिक्षा और निरक्षरता।
(iv) शिक्षा के संवाहक।
(ii) संतान को शिक्षा नहीं देते।
(iv) संतान को सताते हैं।
(ii) इससे निरंतर प्रकाश होगा।
(iv) इसे संभालकर रखना होगा।
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(क) - (I)
(क) - (I)(2) - (ii)
(क) - (I)(2) - (ii)(3) - (ii) ashikhsa or nirkashta
(क) - (I)(2) - (ii)(3) - (ii) ashikhsa or nirkashta(4) - (I)
mark me as BRAINILIST please please please
Sneha ❤️
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