Hindi, asked by anitasanjaypanwar, 2 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
वर्तमान समय में पूरे विश्व में हाहाकार मचा है। मानवता का पोषक कोई दिखाई नहीं दे
रहा है। हर तरफ अशांति का साम्राज्य फैला हुआ है। इन सब विकट परिस्थितियों को
देखते हुए कबीरदास जी का दिव्य उपदेश मानव समाज को अंधकार के अज्ञान से ज्ञान
के प्रकाश की ओर अग्रसर करता है, ऊँच-नीच, छूत-अछूत की क्षुद्र भावना को
मिटाकर, सबके हृदय में समता का भाव स्थापित करता है। इनकी अमृतवाणी
जाति-पाति, धन-परिवार और अपना पराया आदि के अभियान को हटाकर, सद्गुणों
एवं सदाचार का महत्व दर्शाती है। धर्मान्धता, अंधविश्वाश, मिथ्यामान-मनौती और
पाखण्ड का जोरदार खंडन करती है। मानव-समाज के अंदर धार्मिक क्रांति का
बीजोरोपण कर शुद्ध चेतना तथा सत्य शाश्वत आत्मज्ञान का सदुपदेश मानवता के धर्म
की रक्षा करता है। हमारे भारतवर्ष के इतिहास में कबीरदास जी सद्गुरू, समाज सुधारक,
कवि और गृहस्थ के रूप में सदा जीवत रहेंगे। इनकी सबद, रमैनी, सखियाँ, और
वाणियों को छोटे-बड़े, विद्वान-अनपढ़ तथा अमीर-गरीब सभी ने मुक्त हृदय से स्वीकार
किया है।
1. आज पूरे विश्व में हाहाकार क्यों मचा हुआ है?
2. 'सदुपदेश' और 'सद्गुरू' में समास विग्रह करके समास का भेद भी लिखो।
भजन

3, कबीर के उपदेश हमें कहाँ ले जाते है?
4, साखियाँ कठस्य क्यों हो जाती है?
5, कबीरदास जी ने किसका खंडन किया है?
please only give right answer​

Answers

Answered by hareshb18
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उत्तर दीजिए:-

वर्तमान समय में पूरे विश्व में हाहाकार मचा है। मानवता का पोषक कोई दिखाई नहीं दे

रहा है। हर तरफ अशांति का साम्राज्य फैला हुआ है। इन सब विकट परिस्थितियों को

देखते हुए कबीरदास जी का दिव्य उपदेश मानव समाज को अंधकार के अज्ञान से ज्ञान

के प्रकाश की ओर अग्रसर करता है, ऊँच-नीच, छूत-अछूत की क्षुद्र भावना को

मिटाकर, सबके हृदय में समता का भाव स्थापित करता है। इनकी अमृतवाणी

जाति-पाति, धन-परिवार और अपना पराया आदि के अभियान को हटाकर, सद्गुणों

एवं सदाचार का महत्व दर्शाती है। धर्मान्धता, अंधविश्वाश, मिथ्यामान-मनौती और

पाखण्ड का जोरदार खंडन करती है। मानव-समाज के अंदर धार्मिक क्रांति का

बीजोरोपण कर शुद्ध चेतना तथा सत्य शाश्वत आत्मज्ञान का सदुपदेश मानवता के धर्म

की रक्षा करता है। हमारे भारतवर्ष के इतिहास में कबीरदास जी सद्गुरू, समाज सुधारक,

कवि और गृहस्थ के रूप में सदा जीवत रहेंगे। इनकी सबद, रमैनी, सखियाँ, और

वाणियों को छोटे-बड़े, विद्वान-अनपढ़ तथा अमीर-गरीब सभी ने मुक्त हृदय से स्वीकार

किया है।

1. आज पूरे विश्व में हाहाकार क्यों मचा हुआ है?

2. 'सदुपदेश' और 'सद्गुरू' में समास विग्रह करके समास का भेद भी लिखो।

भजन

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