निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:-
मन की चंचलता मनुष्य को मनोरंजन के अनेक अवसर प्रदान करती है। लेकिन इससे प्रगति के पथ में आने बाली अनेक बाधाएँ औवन को मुसीबत में डाल देती हैं। मनुष्य अपने कार्य में सफलता के लिए संकल्प करता है। जी-जान से उस कार्य में श्रम साधना से जुट जाता है। सफलता सामने दिखने लगती है। आशा और विश्वास के साथ कार्य में जुट व्यक्ति के मन की चंचलता थकान से परेशान इनसान को आराम के गद्दों पर आनंद के खेल शुरू करवाती है। तब आज का काम कल पर यलने की आदत का प्रोत्साहन मिलता है और व्यक्ति मौज-मस्ती की जिंदगी जीने लगता है। ऐसे में मन भटकता है और विश्वास टूट जाता है। आशा की किरणें अंधकार में गुम हो जाती है। मन की चंबलता ने विश्वाम और मौज मस्तो के नाटक में मनुष्य के साथ ऐसा खेल रचा कि उसे अपने कार्य सफलता के स्थान पर विफलता मिली। अतः मन की ऐसी चंचलता से बचना हो अच्छा है। question:-
इस गद्यांश का समुचित शीर्षक लिखिए।
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शीर्षक- "मन की चंचलता" . I hope is that the answer is usefull
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