निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कस्बे की हृदय स्थली से सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिस्थापित होगी ,सुभाष की आंखों पर चश्मा नहीं होगा। क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया और कैप्टन मर गया। सोचा बस आज वहां रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएंगे, मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएंगे, ड्राइवर से कह दिया चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आंखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ उठ गई। कुछ ऐसा देखा कि चीखे रोको। जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते ना रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज तेज कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आंखों पर सरकंडे से बना छोटा सा चश्मा रखा हुआ था, जैसे बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी सी बात पर उनकी आंखें भर आई।
1- हालदार साहब ने ड्राइवर को चौराहे पर रुकने के लिए मना क्यों किया?
2- मूर्ति को देखने के बाद हालदार साहब की क्या प्रतिक्रिया हुई?
3- इस गद्यांश को पढ़ने के बाद क्या उम्मीद जगती है?
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ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आंखों पर सरकंडे से बना छोटा सा चश्मा रखा हुआ था, जैसे बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी सी बात पर उनकी आंखें भर आई।
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