निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ---
आज का विद्यार्थी भविष्य की सोच में कुछ अधिक लग गया है I भविष्य कैसा होगा, वह भविष्य में क्या बनेगा? इस प्रश्न को सुलझाने में या स्वप्न लेने में वह बहुत समय नष्ट कर देता है I भविष्य के बारे में सोचिए जरूर लेकिन भविष्य को वर्तमान पर हावी मत होने दीजिए क्यूंकि वर्तमान ही भविष्य की नींव बन सकता है I अतः नींव को मजबीयत बनाने के लिए आवश्क्य है कि बहन तो भविष्य का भी हो लेकिन ध्यान वतमान पर रहे I अतः आपकी सफलता का मूलमंत्र यही हो सकता है कि आप एक स्वप्न लें, सोचें की आपको क्या बनाना है और क्या करना है और स्वप्न के अनुसार कार्य करना प्रारंभ करें I वर्तमान रूपी नींव को मजबूत करें और यदि वर्तमान रूपी नींव बनती गई तो भविष्य रूपी इमारत भी अवश्य बन जाएगी I जितनी मेहनत हो सके, उतनी मेहनत करें और निराशा को जीवन में स्थान न दें I यह सोचते हुए समय खराब न करें कि हे भगवान! मेरा क्या होगा, मैं सफल भी हो पाऊँगा या नहीं? ऐसा करने से आपका समय नष्ट होगा और जो समय नष्ट करता है, समय उसे नष्ट कर देता है I
(क) विद्यार्थी किन बातों से प्रभावित होता है ?
(ख) लेखक का क्या सुझाव है ?
(ग) सफलता का मूलमंत्र बताइए I
(घ) भविष्य रूपी भवन का निर्माण कैसे होता है ?
(ङ) सफलता में समय की क्या उपयोगिता है ?
(च) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए I
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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ---
क आज का विद्यार्थी भविष्य के बारे में सोचकर चिन्तित रहता है ।
ख भविष्य के बारे में सोचिए जरूर लेकिन भविष्य को वर्तमान पर हावी मत होने दीजिए क्यूंकि वर्तमान ही भविष्य की नींव बन सकता है I अतः नींव को मजबीयत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि विचार तो भविष्य का भी हो लेकिन ध्यान वर्तमान पर रहे I
ग अतः आपकी सफलता का मूलमंत्र यही हो सकता है । कि आप एक स्वप्न लें, सोचें की आपको क्या बनाना है और क्या करना है और स्वप्न के अनुसार कार्य करना प्रारंभ करें I
घ वर्तमान रूपी नींव को मजबूत करें और यदि वर्तमान रूपी नींव बनती गई तो भविष्य रूपी इमारत भी अवश्य बन जाएगी I
ङ समय खराब न करें जो समय नष्ट करता है, समय उसे नष्ट कर देता है I
च सफलता
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