निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्राय: विद्यालयों में शिक्षा के दबाव के कारण खेलकूद को दैनिक अलग कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों का समय और उसके बाद ट्यूशन कक्षाओं के कारण बच्चों के पास मनोरंजन के लिए खेलने का कोई वक्त बचता ही नहीं, तो उसे पेशे के रूप में अपनाने की बात तो काफी दूर की बात है। इस तरह पहली अवस्था में ही खेलों में रुचि की बलि चढ़ जाती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि खेलों में करियर बड़ा अनिश्चित होता है और उनमें अच्छे अवसर नहीं मिलते। इसलिए बच्चों को पर ध्यान देने का दबाव डाला जाता है, भले ही खेलों में उनकी रुचि हो या उनमे जन्मजात प्रतिभा हो, ताकि उनके जीवन में स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सके खेतों में भेदभाव काफी है और सीढ़ियों बहुत चढ़नी पड़ती है। बच्चे शुरू से क्रिकेट, फुटबॉल और टेनिस जैसे खेलों के प्रचार और शानो-शौकत से अभिभूत होते हैं। इन खेलों का मीडिया में व्यापक कवरेज और उनके साथ जुड़े नाम और प्रसिद्धि ने ताइक्वांडो, खो-खो, तीरंदाजी जैसे अन्य खेलों को पीछे छोड़ दिया है। जिलो और उपनगरीय क्षेत्रों में खेल परिसरों और अकादमियों की कमी के कारण बच्चों के लिए आगे बढ़ने की समस्या पैदा हो जाती है। खेल क्लब और अकादमियाँ मुख्यतः महानगरों में ही होती हैं। खेलों में प्रशिक्षण के लिए भारी निवेश को आवश्यकता होती है। न केवल अकादमी में प्रवेश पाने के लिए भारी खर्चा करना होता है, वरन खेल सामग्री पोशाक और यहाँ तक क पौष्टिक आहार के लिए भी भारी खर्च की आवश्यकता होती है।
(क) प्रारंभिक अवस्था में ही खेलों में रुचि की बलि किस प्रकार चढ़ा दी जाती है? स्पष्ट कीजिए।
(ख) बच्चों पर पढ़ाई का दबाव क्यों डाला जाता है?
(ग) खेल को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता क्यों होती है?
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
(ङ) छोटे राज्यों को खेलकूद के क्षेत्र में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
(च) प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक बताइए।
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क) प्राय: विद्यालयों में शिक्षा के दबाव के कारण खेलकूद को दैनिक अलग कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों का समय और उसके बाद ट्यूशन कक्षाओं के कारण बच्चों के पास मनोरंजन के लिए खेलने का कोई वक्त बचता ही नहीं, तो उसे पेशे के रूप में अपनाने की बात तो काफी दूर की बात है। इस तरह पहली अवस्था में ही खेलों में रुचि की बलि चढ़ जाती है।
ख) आमतौर पर यह माना जाता है कि खेलों में करियर बड़ा अनिश्चित होता है और उनमें अच्छे अवसर नहीं मिलते। इसलिए बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान देने का दबाव डाला जाता।
ग)
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