नि म्नलि खि त गद्यांश को ध्यानपर्वूकर्व पढ़कर पछू ेगए प्रश्नों के उत्तर दीजि ए भारतवर्ष सदा काननू को धर्म के रूप मेंदेखता आ रहा है। आज एकाएक काननू और धर्म मेंअतं र कर दि या गया है। धर्म को धोखा नहींदि या जा सकता, काननू को दि या जा सकता है। यही कारण हैकि जो लोग धर्मभर्म ीरू हैं, वेकाननू की त्रटिुटियों सेलाभ उठानेमेंसकं ोच नहींकरत।े इस बात के पर्या प्त प्रमाण खोजेजा सकतेहैंकि समाज के ऊपरी वर्ग मेंचाहेजो भी होता रहा हो, भीतर-भीतर भारतवर्ष अब भी यह अनभु व कर रहा है कि धर्म,र्म काननू सेबड़ी चीज है। अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और अध्यात्मि कता के मल्ूय बनेहुए हैं। वे दब अवश्य गए हैं, लेकि न नष्ट नहीं हुए। आज भी वह मनष्ुय सेप्रेम करता है, महि लाओंका सम्मान करता है, झठू और चोरी को गलत समझता है, दसू रों को पीड़ा पहुँचानेको पाप समझता है। हर आदमी अपनेव्यक्ति गत जीवन मेंइस बात का अनभु व करता है 1) प्रस्ततु गद्यांश का उचि त शीर्षकर्ष लि खि ए। 2) काननू को धर्म के रूप मेंदेखनेका क्या आशय है? 3) भारतवर्ष के लोग धर्म की कि न बातों को आज भी मानतेहैं? 4) सम्मान’ शब्द सेपर्वू र्वजड़ुे‘सम’्उपसर्ग के स्थान पर एक अन्य ऐसा उपसर्ग जोड़ि ए कि वि लोम शब्द बन जाय
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a unit of force. One newton is equal to the force that would give a mass of one kilogram an acceleration of one metre per second
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