निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उत्तर-सीमा लगभग 80 शब्द) "देखा तुमने, सच्चाई यह है कि हरेक बात के दो पहलू हैं। जो दोनों को साध कर चलता है वही चतुर है। तुम मेरे पास किसी काम से आते हो, मैं उस पर हाँ कहता हूँ। तुम मुझे कोई सेवा सौंपते हो, मैं हाँ कहता हूँ। तुम मुझसे कुछ माँगते हो, मैं हाँ कहता हूँ। तुम सब मेरी तारीफ करते हो, क्योंकि हाँ सबको प्यारी है, पर मनुष्य का चरित्र हाँ में नहीं, ना में है। हाँ कहना आसान है, पर मनुष्य वह है जो ना कह सके और ना पर टिकी रह सके।"
अथवा
ममता ने मन में कहा-"यहाँ कौन दुर्ग है! यही झोंपड़ी न, जो चाहे ले ले, मुझे तो अपना कर्तव्य करना पड़ेगा।" वह बाहर चली आई और मुगल से बोली-"जाओ भीतर, थके हुए भयभीत पथिक! तुम चाहे कोई हो, मैं तुम्हें आश्रय देती हूँ?"मुगल ने चन्द्रमा के मन्द प्रकाश में वह महिममय मुखमण्डल देखा, उसने मन-ही-मन नमस्कार किया। ममता पास की टूटी हुई दीवारों में चली गई। भीतर थके पथिक ने झोंपड़ी में विश्राम किया।
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- Yayqyyq to be there at first I thought it would be a.nzjYsTap on a clip to paste it in the text box.
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फ्Ask in english लंबे समय के निबंध के बाद हिंदी में urahdu में allah ki naimatein निबंध। जीवन चलचित्र निबंध की पुस्तक, 10 वीं कक्षा का अंग्रेजी निबंध। ग्राहक सेवा पर नमूना निबंध, मेरी सुंदर दुनिया पर निबंध। पॉकेट मनी निबंध के फायदे और नुकसान अपना खुद का मामूली प्रस्ताव निबंध लिखिए ऑर्बिट रिकॉर्ड केस स्टडी, हमारे स्कूल के खेल के मैदान का निबंध, गणेश utsav का लघु निबंध हिंदी में क्यों मैं लॉ स्कूल जाना चाहता हूँ निबंध सभी को केस स्टडी में शामिल किया जाना चाहिए, एडिडास मार्केटिंग मिक्स केस स्टडी राय राय निबंध लेखन निबंध hope it may help
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