Hindi, asked by mohdnaseemidrise09, 2 months ago

निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश के नीचे दिए
गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
2+2+2=6
(क) हमारी सारी संस्कृति का मूलाधार इसी अहिंसा तत्त्व पर
स्थापित रहा है । जहाँ-जहाँ हमारे नैतिक सिद्धान्तों का
वर्णन आया है, अहिंसा को ही उसमें मुख्य स्थान दिया
गया है । अहिंसा का दूसरा नाम या रूप त्याग है और
हिंसा का दूसरा रूप या नाम स्वार्थ है, जो प्राय: भोग
के रूप में हमारे सामने आता है । पर हमारी सभ्यता ने
तो भोग भी त्याग ही से निकाला है और भोग भी त्याग
में ही पाया है । श्रुति कहती है तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः' ।
इसी के द्वारा हम व्यक्ति-व्यक्ति के बीच का विरोध,
व्यक्ति और समाज के बीच का विरोध, समाज और
समाज के बीच का विरोध, देश और देश के बीच का
विरोध मिटाना चाहते हैं । हमारी सारी नैतिक चेतना
इसी तत्त्व से ओत-प्रोत है।
(i)
उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) पारस्परिक विरोध को कैसे मिटाया जा सकता​

Answers

Answered by komalpreetkaur82
0

Explanation:

उत्तरा 1 =(iii) पारस्परिक विरोध को कैसे मिटाया जा सकता

Answered by Queengirls320
0

Answer:

उत्तरा 1 =(iii) पारस्परिक विरोध को कैसे मिटाया जा सकता

Explanation:

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