निम्नलिखित गद्यांश पड़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हो
मानने के लिए उसे मजबूर होना पड़ता है कि भाग्य में वही लिखा था सफलता केवल प्रयत्न और परिश्रम से ही नहीं मिलती। उसके लिए व्यावहारिक ज्ञान, सूझ-बूझ, धैर्य, आत्मविश्वास, एकाग्रता आदि कई गुण आवश्यक है। काम को बिना समझे गलत ढंग से, उचाट मन से, उद्देश्य की पूरी और स्पष्ट जानकारी पाए | बिना कितना भी परिश्रमपूर्वक किया जाए, तो भी सफलता मिलना संभव नहीं होता है। जब आवश्यक गुणों के अभाव में मेहनत करने करने वाले को सफलता नहीं मिलती तो कहा जाता है कि पिछले जन्म के कर्मों के कारण उसे सफलता नहीं मिली। तब व्यक्ति अपने भाग्य को अपनी असफलता का उत्तरदायी मानकर चुप बैठा जाता है भाग्यवाद व्यक्ति कि निराश, निष्क्रिय और अकर्मण्य बना देता है। अगर असफलता के कारणों को देवा जाए और पुरुषार्थी बनकर उस काम को फिर से करने का संकल्प किया जाए, तो असफलता के कारणों से बचने की समझ आती है और व्यक्ति सफल हो सकता है।
pls help
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आपकी ये स्टोरी मुझे समझ नहीं आयी पर में कोशिश करुँगी ok
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safalta kisse nahi banti
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