• निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर
गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों:
टिप्पणी इस कृति में 100 से 120 शब्दों का एक गद्य परिच्छेद दिया जाएगा।
आधारित 4 ऐसे प्रश्न बना कर लिखने होंगे, जिनके उत्तर केवल एक-एक वाक्य
ध्यान रखें केवल प्रश्न ही लिखना है, उनका उत्तर नहीं लिखना है।
ही
भौतिक प्रेरणा, ज्ञानेप्सा-क्या ये दो ही मानव संस्कृति के माता-
पिता हैं? दूसरे के मुँह में कौर डालने के लिए जो अपने मुँह का कौर
छोड़ देता है, उसको यह बात क्यों और कैसे सूझती है? रोगी बच्चे
को सारी रात गोद में लिए जो माता बैठी रहती है, वह आखिर ऐसा
क्यों करती है? सुनते हैं कि रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डैस्क
में रखे हुए डबल रोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला
दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों
को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन
दुख में बिता दिया और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से डाई
हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि
किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके।
Answers
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Answer:
।निम्नलिखित गद्दयांश पढ़कि ऐसे चाि प्रश्न िैयाि कीजिए जिनके उत्ति एक-एक वाक्य में हो :
एक बाि भगवान बुद्दध का एक प्रचािक घूम िहा था| उसे एक मभखािी ममला| वह प्रचािक उसे धमख
का उपदेश देने लगा| उस मभखािी ने उसकी ििफ ध्यान नहीं ददया| उसमें उसका मन ही नहीं लगिा था|
प्रचािक नािाि हुआ| वह बुद्दध के पास िाकि बोलै, 'वहााँएक मभखािी बैठा है, मैंउसे इिने अच्छे-अच्छे
मसखावन दे िहा था, िो भी वह सुनिा ही नहीं|' बुद्दध ने कहा, 'उसे मेिे पास लाओ|' यह प्रचािक उसे बद्दुध
के पास ले गया| भगवान ्बद्दुध ने उसकी दशा देखी| उन्होंने िाड़ मलया फ्रक मभखािी िीन-चाि ददनों से भखू ा
है| उन्होंने उसे पेट भिकि खखलाया औि कहा, 'अब िाओ|' प्रचािक ने कहा, "आपने उसे खखला िो ददया,
लेफ्रकन उपदेश कुछ भी नहीं ददया|" भगवान बुद्दध ने कहा, "आि उसके मलए अन्न ही उपदेश था| आि उसे
अन्न की सबसे ज्यादा िरुिि थी| वह उसे पहले देना चादहए| अगि वह जिएगा, िो कल सनु ेगा|"