निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर पाँच ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर एक वाक्य में हो।
वार्तालाप की शिष्टता मनुष्य को आदर का भाजन बनाती है और समाज में उसकी सफलता के लिए
रास्ता साफ कर देती है। मनुष्य का समाज पर जो प्रभाव पड़ता है, वह बहुत अंश में उसकी पोशाक और
चाल-ढाल पर निर्भर रहता है, किंतु विषभरे कनकघटों की संसार में कमी नहीं है। यह प्रभाव ऊपरी होता
है और पोशाक का मान जब तक भाषण से पुष्ट नहीं होता है, तब तक स्थायी नहीं होता। मधुर भाषी के
लिए करनी और कथनी का साम्य आवश्यक है, किंतु कर्म के लिए वचन पहली सीढ़ी है। मधुर वेचन ही
विश्वास उत्पन्न कर भय और आतंक का परिर्माजन कर देते हैं। कटु भाषी लोगों से लोग हृदय खोलकर
बात करने से डरते हैं। सामाजिक व्यवहार के लिए विचारों का आदान-प्रदाम आवश्यक है और वह भाषा
की शिष्टता और स्पष्टता के बिना प्राप्त नहीं होता। भाषा की सार्थकता इसी में है कि वह दूसरों पर यथेष्ट
प्रभाव डाल सके। जब बुरे वचन आदमी को रूष्ट कर सकते हैं तो मधुर वचन दूसरे को प्रसन्न भी कर सकते
हैं। शब्दों का जादू जबर्दस्त होता है।
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Answer:
- किसकी शिष्टता मनुष्य को आदर का भाजन बनाती है?
- मनुष्य के समाज पर किसके द्वारा प्रभाव पडता है?
- पोशाक का मान कब तक पुष्ट नही होता?
- मधुर भाषी के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
- किसे हृदय खोल कर बात करनी चाहिए?
Explanation:
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