निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उसका वृत्तांत लेखन लिखिए महात्मा गांधी विद्यालय 2 अक्टूबर 2020
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साल 02 अक्टूबर पूरा देश गांधी जयंती मनाता है। वहीं, पूरी दुनिया इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non Violence) के रूप में मनाती है। क्योंकि 151 साल पहले 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। जिन्हें आज दुनिया महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और भारत के राष्ट्रपिता के रूप में जानती है।
हर साल 02 अक्टूबर को भारत के हर कोने के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में भी महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। इस अवसर पर जगह-जगह रैली, पोस्टर प्रतियोगिता, स्पीच, डिबेट, नाटक समेत कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।
इस साल हमारे राष्ट्रपिता की 151वीं जयंती है। अगर इस अवसर पर आपको स्पीच देनी है, तो यहां आपको कुछ आइडियाज बताए जा रहे हैं। इन्हें अपनाकर आप अपने दर्शकों, श्रोताओं से खूब तालियां व तारीफ बटोर सकते हैं।
Gandhi Jayanti: इन टॉपिक्स पर तैयार कर सकते हैं स्पीच
गांधी और सत्याग्रह (Gandhi and Satyagrah)
1906-07 में महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। यह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में भारतायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और पास के खिलाफ छेड़ा गया था।
हरिजन और गांधी
हमारे समाज में जिन समुदायों के लोगों को 'अछूत' कहा जाता था, उन्हें बापू ने 'हरिजन' नाम दिया। जिस शब्द का अर्थ है हरि (भगवान) की संतान। इस एक पहल ने इन समुदायों के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिलाने की कोशिश में बड़ी भूमिका निभाई।
स्वतंत्रता में अहिंसा की भूमिका
'अहिंसा' - जब भी अहिंसा की बात आती है, तो सबसे पहले 'बापू' का नाम आता है। महात्मा गांधी ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को अहिंसा के मायने समझाए। बताया कि अहिंसा एक व्यक्तिगत आदत है जिसका अर्थ है किसी भी परिस्थिति में खुद को या दूसरों को क्षति न पहुंचाई जाए।
महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो आंदोलन' (Quit India Movement) की शुरुआत की थी। तब दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। इसी आंदोलन के दौरान बापू ने 'करो या मरो' (Do or Die) का नारा दिया था। विश्वयुद्ध खत्म होने तक ब्रिटिश सरकार ने कह दिया कि वह भारत को उसकी शक्तियां वापस करेगी।