निम्नलिखित गद्यांश ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
कालिदास उसी डाली को काट रहे थे जिस पर बैठे थे। विद्योत्तमा नामक विदुषी
राजकन्या
का मान भंग कर रहे तथाकथित विद्वान वर्ग को वह व्यक्ति कालिदास
सर्वाधिक जड़मति और मूर्ख लगा। सो वे उसे ही कुछ लालच दे, कुछ ऊटपटांग
सिखा-पढ़ा महापंडित के वेश में राजा-धजाकर राजदरबार में विदुषी राजकन्या
विद्योत्तमा से शास्त्रार्थ करने के लिए ले गए। उस मूर्ख के ऊटपटांग मौन संकेतों की
मनमानी व्याख्या कर षड़यंत्रकारियों ने उस विदुषी से विवाह करा ही दिया, लेकिन
प्रथम रात्रि में ही वास्तविकता प्रकट हो जाने पर पत्नी के ताने से घायल होकर ज्यों
घर से निकले, कठिन परिश्रम एवं निरंतर साधना रूपी रस्सी के आने-जाने से
धिस-पिटकर महाकवि कालिदास बनकर घर लौटे। स्पष्ट है कि निरंतर अभ्यास ने
तपाकर उनकी जड़मति को पिघलाकर बहा दिया और जो बाकी बचा था, वह खरा
सोना था।
कालिदास उसी टाली को कयों काट रहे जिस पर वे बैठे थे?
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sorry I don't know the answer
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कालिदास उसी टाली को कयों काट रहे जिस पर वे बैठे थे?
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