(३१)निम्नलिखित गद्यखंड को पढकर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
गौतम बुद्ध का जीवन परम पवित्र और परम दिव्य था। उनके विचारों मे अपूर्व उजवलता थी और वाणी में
माधुर्य उनके उपदेशो में एक ऐसा आकर्षण था, कि राजा - रंक सभी उनकी ओर खिंच जाते। अशोक, कनिष्क ,
हर्ष आदि शक्तिशाली राजाओं ने उनके धर्म को ग्रहण किया। उन्होंने संसार को स्नेह और शांति का संदेश दिया।
बुद्ध के उपदेशों का भारत आर देशांतरों पर अच्छा प्रभाव पड़ा। सर्वच प्राकृत का प्रचार हुआ, और भारतीय क
तथा साहित्य का प्रसार हुआ।
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Answer:
संसार के किसी एक व्यक्ति की सबसे अधिक चर्चा यदि आज तक हुई है, तो वह बुद्ध हैं। ईसा के छह सौ साल पूर्व के जमाने में वह जन्मे और अस्सी साल की ठीक-ठाक उम्र जीकर वह 543 ईस्वीपूर्व में दिवंगत हुए। उनके जीवनचरित में कथा तत्वों की प्रचुरता है और जिन लोगों ने भी उनकी जीवनी लिखी है, उन्होंने अपनी काव्यात्मकता से उसे इतना ‘दिव्य’ बना दिया है कि लोगों को उनमें एक अलौकिकता का आभास होता है। एक समय ऐसा भी आया जब रूढ़ ब्राह्मणों ने उनका और उनके विचारों का तीखा विरोध किया, लेकिन इन्हीं लोगों ने अपनी सुविधा के लिए उन्हें विष्णु के दस अवतारों में भी शामिल किया। ईसा की पहली सदी में ही कवि अश्वघोष ने संस्कृत में ‘बुद्धचरितम’ लिखा था। इसका पाठ हमें एक ऐसे बुद्ध से हमारा परिचय कराता है जो बहुत हद तक अलौकिक और अवास्तविक प्रतीत होता है। बौद्धों के महायान पंथ ने ‘ललित विस्तर’ शीर्षक से एक जीवनी परक विस्तृत ग्रंथ की रचना की, जिसमें बुद्ध कुछ और अधिक ‘दिव्य’ हो गए प्रतीत होते हैं।
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