Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित गदयधंश को ध्यानपूर्वक पढिए और लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
पढने लिखने में स्वयं कोई बात ऐसी नहीं जिससे अनर्थ का बीज उसमे हरजिग नहीं। अनर्थ पुरूष से भी होते हैं अनपढ़ों ओर पढ़े लिखों, र्दोनो से अनर्थ, और र्दुराचार के कारण और ही होते हैं ओर वे व्यक्ति विशेष का चाल चलन र्देखकर जाने भी जा सकते हैं। अतएव स्त्रियो को अवश्य पढ़ाना चाहिए|जो लोग यह कहते हैं कि पुराने जमाने में यहां स्त्रियां न पढ़ती थीं अथवा उन्हे पढ़ने की मुमानियत थी वे या तो इतिहास से अभिज्ञता नहीं रखते या जान बूझकर लोगों को धोखा र्देते हैं। समाज की दृष्टि में ऐसे लोग दंडनीय हैं क्योंकि स्त्रियों को निरक्षर रखने का उपदेश र्देना समाज का अपकर ओर अपराध करना है-समजा की उन्नति में बाधा डालना है।
क) कुछ लोग स्त्री शिक्षा के विरोध में क्या तर्क देते हैं और क्यों?
ख) अनर्थ का मूल स्रोत कहा होता है
ग) स्त्री शिक्षा के विरोधी दंडनीय क्यों हैं?
(Class 10 HINDI A Sample Question Paper)

Answers

Answered by nikitasingh79
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क) स्त्री शिक्षा के विरोध में यह तर्क देते हैं कि पुराने जमाने में यहां स्त्रियां पढ़ती तो नहीं थी और उनके पढ़ने  पर रोक थी ऐसे वे इसलिए कहते हैं क्योंकि वे इतिहास से अनभिज्ञ हैं।

ख) अनर्थ का मूल स्रोत व्यक्ति के अपने चरित्र में होता है। उसका स्वभाव संगति और संस्कारों से अनर्थ करने के लिए प्रेरित करते हैं। बुरी संगत, बुरे संस्कार और उदंड स्वभाव उसे सदा अनर्थकारी कार्यों की ओर ही प्रेरित करेगा ।इसके लिए पढ़ा-लिखा अथवा अनपढ़ होना आवश्यक नहीं है। किसी भी व्यक्ति में अनर्थ के बीज पनप सकते हैं।

ग) ऐसे लोग स्त्रियों को निरक्षर रखकर समाज का अपकार करते हैं तथा सामाजिक उन्नति में बाधा डालते हैं। उन्हें यह नहीं पता कि यदि एक नारी शिक्षित हो जाए तो एक पूरा वंश शिक्षित हो जाता है।

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