निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
'अपना परिचय उनके 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।
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उत्तर :
महादेव भाई लोगों को अपना परिचय गांधीजी के इस परिचारक के रूप में देने में गर्व महसूस करते थे जो उनके सभी प्रकार के काम करने में समर्थ है । खुद को गांधी जी का एक ऐसा ही सेवक मानते थे क्योंकि वे उनके सभी काम करते थे । इसी में उन्हें गर्व महसूस होता था कि वह गांधीजी के अनुचर हैं।
पीर - बावर्ची - भिश्ती - खर’ (महात्मा ,खाना पकाने वाला, मशक से पानी ढोने वाला व्यक्ति, गधा)
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।।
महादेव भाई लोगों को अपना परिचय गांधीजी के इस परिचारक के रूप में देने में गर्व महसूस करते थे जो उनके सभी प्रकार के काम करने में समर्थ है । खुद को गांधी जी का एक ऐसा ही सेवक मानते थे क्योंकि वे उनके सभी काम करते थे । इसी में उन्हें गर्व महसूस होता था कि वह गांधीजी के अनुचर हैं।
पीर - बावर्ची - भिश्ती - खर’ (महात्मा ,खाना पकाने वाला, मशक से पानी ढोने वाला व्यक्ति, गधा)
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मित्र!
पीर-बावर्ची, भिश्ती-खर का अर्थ है- प्रमुख व्यक्ति -खाने बनाने वाला-पानी पिलाने वाला-बोझा ढोने वाला जानवर खच्चर
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