निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
मिट्टी और धूल में अंतर है, लेकिन उतना ही, जितना शब्द और रस में, देह और प्राण में, चाँद और चाँदनी में।
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उत्तर :
‘मिट्टी और धूल में अंतर है, लेकिन उतना ही ,जितना शब्द और रास में ,देह और प्राण में, चांद और चांदनी में’
इस पंक्ति के द्वारा लेखक यह बताना चाहता है कि मिट्टी और धूल में कोई अंतर नहीं है ।दोनों एक ही है । मिट्टी और धूल में अंतर को स्पष्ट करने के लिए लेखक उदाहरण देता है कि जैसे शब्द और रस दो होते हुए भी एक हैं। शब्द के बिना रस उत्पन्न नहीं होता। देह और प्राण अलग-अलग होते हुए भी एक है क्योंकि प्राण के बिना देह मृत है और देह के बिना प्राण का कोई अस्तित्व नहीं है। चांद और चांदनी अलग-अलग है परंतु चांद के बिना चांदनी नहीं हो सकती है । इसी प्रकार से मिट्टी है तो धूल है । मिट्टी की पहचान धूल से ही होती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
‘मिट्टी और धूल में अंतर है, लेकिन उतना ही ,जितना शब्द और रास में ,देह और प्राण में, चांद और चांदनी में’
इस पंक्ति के द्वारा लेखक यह बताना चाहता है कि मिट्टी और धूल में कोई अंतर नहीं है ।दोनों एक ही है । मिट्टी और धूल में अंतर को स्पष्ट करने के लिए लेखक उदाहरण देता है कि जैसे शब्द और रस दो होते हुए भी एक हैं। शब्द के बिना रस उत्पन्न नहीं होता। देह और प्राण अलग-अलग होते हुए भी एक है क्योंकि प्राण के बिना देह मृत है और देह के बिना प्राण का कोई अस्तित्व नहीं है। चांद और चांदनी अलग-अलग है परंतु चांद के बिना चांदनी नहीं हो सकती है । इसी प्रकार से मिट्टी है तो धूल है । मिट्टी की पहचान धूल से ही होती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
khushi2:
Awesome answer
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आशय यह है कि शब्द में रस निहित है। इसके कारण ही शब्द का महत्त्व है। इसी प्रकार शरीर का महत्त्व प्राण होने से और चाँद का महत्त्व उसकी अपनी चाँदनी के कारण है। धूल मिट्टी का ही अंश है। इसे मिट्टी से उसी तरह से अलग नहीं किया जा सकता है जैसे रस को शब्द से, देह को प्राणों से और चाँदनी को चाँद से। इसी प्रकार मिट्टी और धूल का अटूट संबंध है।
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