निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
देश और दुनिया को मुग्ध करके 'शुक्रतारे की तरह ' ही अचानक अस्त हो गए।
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उत्तर :
‘देश और दुनिया को मुग्ध करके 'शुक्रतारे की तरह ' ही अचानक अस्त हो गए।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
महादेव भाई शुक्रतारे के समान अपनी आभा से संसार को मोहित करके अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। शुक्रतारा थोड़ी देर के लिए दिखाई देता है। इसके दर्शन संध्या के समय अथवा बहुत सुबह किए जा सकते हैं। इसकी आभा बहुत तेजस्वी होती है और यह बहुत तेज़ चमकता है।
लेखक ने महात्मा गांधी जी के सहायक महादेव भाई को शुक्र तारे के समान बताया है क्योंकि वह भी कुछ समय तक अपनी प्रतिभा दिखा कर अचानक की मृत्यु की गोद में चले गए थे।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।।
‘देश और दुनिया को मुग्ध करके 'शुक्रतारे की तरह ' ही अचानक अस्त हो गए।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
महादेव भाई शुक्रतारे के समान अपनी आभा से संसार को मोहित करके अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। शुक्रतारा थोड़ी देर के लिए दिखाई देता है। इसके दर्शन संध्या के समय अथवा बहुत सुबह किए जा सकते हैं। इसकी आभा बहुत तेजस्वी होती है और यह बहुत तेज़ चमकता है।
लेखक ने महात्मा गांधी जी के सहायक महादेव भाई को शुक्र तारे के समान बताया है क्योंकि वह भी कुछ समय तक अपनी प्रतिभा दिखा कर अचानक की मृत्यु की गोद में चले गए थे।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।।
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