निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
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उत्तर :
‘उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
महादेव भाई द्वारा लिखे गए पत्रों की विषय-वस्तु को पढ़कर दिल्ली और शिमला में बैठे हुए वायसराय भी परेशान हो उठते थे।
** शुक्रतारे के समान पाठ में स्वामी आनंद ने अत्यंत सहज एवं व्यवहारिक भाषा का उपयोग किया है। इस पाठ में स्वामी आनंद ने एक रोचक शैली में महादेव भाई के जीवन के कुछ प्रश्न प्रस्तुत किए हैं।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।
‘उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
महादेव भाई द्वारा लिखे गए पत्रों की विषय-वस्तु को पढ़कर दिल्ली और शिमला में बैठे हुए वायसराय भी परेशान हो उठते थे।
** शुक्रतारे के समान पाठ में स्वामी आनंद ने अत्यंत सहज एवं व्यवहारिक भाषा का उपयोग किया है। इस पाठ में स्वामी आनंद ने एक रोचक शैली में महादेव भाई के जीवन के कुछ प्रश्न प्रस्तुत किए हैं।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।
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महादेव इतनी शुद्ध और सुंदर भाषा में पत्र लिखते थे कि देखने वालों के मुँह से वाह निकल जाती थी। गाँधी जी के पत्रों का लेखन महादेव करते थे। वे पत्र जब दिल्ली व शिमला में बैठे वाइसराय के पास जाते थे तो वे उनकी सुंदर लिखावट देखकर दंग रह जाते थे।
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