निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए −
(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
(ग) रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।
(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
(छ) पानी गए न उबरै, मोती, मानुष, चून।
Answers
उत्तर :
(क) यदि प्रेम संबंधों में एक बार दरार आ जाती है, तो वह संबंध दोबारा पहले की तरह ठीक नहीं हो पाते उन्हें कहीं ना कहीं अविश्वास रूपी गांठ पड़ जाती है।
(ख) मनुष्य को अपने जीवन के दुख सबके सामने नहीं जाहिर करने चाहिए बल्कि उन्हें अपने हृदय में छुपा कर रखने चाहिए। लोग उन्हें जानकर केवल उनका मजाक उड़ाते हैं; कोई भी उन दुखों को बांटता नहीं है।
(ग) बहुत सारे देवी देवताओं की भक्ति करने की जगह पर एक ही ईश्वर के प्रति आस्था रखना अधिक अच्छा होता है। जिस प्रकार जड़ के सींचने से पेड़ से फल प्राप्त होत है उसी प्रकार अपने ईश्वर के प्रति ध्यान केंद्रित करने से ही फल की प्राप्ति होती है।
(घ) दोहा - छंद आकार में छोटा और स्वरुप में सरल होता है, पर थोड़ी से अक्षरों से ही दिल के भावों को प्रकट करने की क्षमता रखता है।
(ड़) हिरन संगीत पर मुक्त होकर अपना जीवन त्याग देते हैं। वे भागने की क्षमता रखते हुए भी भागते नहीं और संगीत के पुरस्कार स्वरूप शिकार बन जाते हैं। इसी प्रकार मनुष्य किसी के गुणों पर खुश होकर पुरस्कार स्वरूप धन देते हैं।
(च) जहां छोटी वस्तु का उपयोग होता है वहां बड़ी वस्तु किसी काम की नहीं होती और जहां बड़ी वस्तु का प्रयोग होता है, वहां छोटी वस्तु बेकार है। सुई जो काम करती है वह काम तलवार नहीं कर सकती और जिस काम के लिए तलवार है वह काम सुई नहीं कर सकती। हर वस्तु की अपनी ही उपयोगिता है।
(छ) मोती की यदि चमक खत्म हो जाए तो वह बेकार है। मनुष्य यदि आत्म सम्मान के भावों से रहित हो जाए तो वह बेकार है । सूखा आटा जल के बिना किसी के पेट भरने में मददगार नहीं। मोती , मनुष्य और चून के लिए पानी का अपना विशेष महत्व है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answer:
(क) यदि प्रेम संबंधों में एक बार दरार आ जाती है, तो वह संबंध दोबारा पहले की तरह ठीक नहीं हो पाते उन्हें कहीं ना कहीं अविश्वास रूपी गांठ पड़ जाती है।
(ख) मनुष्य को अपने जीवन के दुख सबके सामने नहीं जाहिर करने चाहिए बल्कि उन्हें अपने हृदय में छुपा कर रखने चाहिए। लोग उन्हें जानकर केवल उनका मजाक उड़ाते हैं; कोई भी उन दुखों को बांटता नहीं है।
(ग) बहुत सारे देवी देवताओं की भक्ति करने की जगह पर एक ही ईश्वर के प्रति आस्था रखना अधिक अच्छा होता है। जिस प्रकार जड़ के सींचने से पेड़ से फल प्राप्त होत है उसी प्रकार अपने ईश्वर के प्रति ध्यान केंद्रित करने से ही फल की प्राप्ति होती है।
(घ) दोहा - छंद आकार में छोटा और स्वरुप में सरल होता है, पर थोड़ी से अक्षरों से ही दिल के भावों को प्रकट करने की क्षमता रखता है।
(ड़) हिरन संगीत पर मुक्त होकर अपना जीवन त्याग देते हैं। वे भागने की क्षमता रखते हुए भी भागते नहीं और संगीत के पुरस्कार स्वरूप शिकार बन जाते हैं। इसी प्रकार मनुष्य किसी के गुणों पर खुश होकर पुरस्कार स्वरूप धन देते हैं।
(च) जहां छोटी वस्तु का उपयोग होता है वहां बड़ी वस्तु किसी काम की नहीं होती और जहां बड़ी वस्तु का प्रयोग होता है, वहां छोटी वस्तु बेकार है। सुई जो काम करती है वह काम तलवार नहीं कर सकती और जिस काम के लिए तलवार है वह काम सुई नहीं कर सकती। हर वस्तु की अपनी ही उपयोगिता है।
(छ) मोती की यदि चमक खत्म हो जाए तो वह बेकार है। मनुष्य यदि आत्म सम्मान के भावों से रहित हो जाए तो वह बेकार है । सूखा आटा जल के बिना किसी के पेट भरने में मददगार नहीं। मोती , मनुष्य और चून के लिए पानी का अपना विशेष महत्व है।
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