निम्नलिखित के ग्रहों के समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखो न था जो मस्तक दूसरों पर उपकार नीलकमल घुड़साल तीसरी कसम दिन-रात महाजन जल प्रदूषण
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Explanation:
सौरमंडल का प्रधान है | यह हमारी मंदाकनी में दुग्धमेखला केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाशवर्ष की दूरी पर एक कोने में स्थित है |
यह दुग्धमेखला मंदाकनी के केंद्र के चारों ओर 250 किमी/से. की गति से परिक्रमा कर रहा है | इसका परिक्रमण काल (दुग्धमेखला के केद्र के चारों ओर एक बार घूमने में लगा समय 25 करोड़ (250 मिलियन) वर्ष है | जिसे ब्रम्हांड वर्ष (Cosmos year) कहते है |
सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है | इसका मध्य भाग 25 दिनों में व ध्रुवीय भाग 35 दिनों में एक घूर्णन करता है |
सूर्य एक गैसीय गोला है, जिसमे हाइड्रोजन 71%, हीलियम 26.5% एवं अन्य तत्व 2.5% होता है | सूर्य का केन्द्रीय भाग क्रोड (core) कहलाता है |
सूर्य के सतह का तापमान 15 मिलयन डिग्री सेल्सियस है |
सूर्य के केंद्र का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस है |
सूर्य के धब्बा (सौर्य कलंक) का तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस है |
सूर्य के दीप्तिमान सतह को प्रकाशमंडल कहते है | प्रकाशमंडल (Photosphere) के किनारे प्रकाशमान नहीं होता है क्यों कि सूर्य का वायुमंडल प्रकाश का अवशोषण कर लेता है | इसे वर्णमंडल (Chromosphere) कहते है | यह लाल रंग का होता है |
सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाले भाग को सूर्य - किरीट (Corona) कहते है | सूर्य - किरीट से X-ray किरन उत्सर्जित होता है | इसे सूर्य का मुकुट भी कहा जाता है | पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय सूर्य - किरीट से प्रकाश की प्राप्ति होती है | यह प्रकाश एक गोल रिंग की तरह दिखाई देता है | इस घटना को डायमंड रिंग या हीरक वलय के नाम से भी जाना जाता है |
सूर्य ग्रहण का अधिकतम समय 8 मिनट का होता है |
सूर्य का प्रकाश प्रथ्वी तक पहुचने में 8 मिनट 16 सेकंड का समय लगता है |
सूर्य की उम्र 5 बिलियन वर्ष है |
सौर ज्वाला को उत्तरी ध्रुव पर अरोरा बोरियालिस और दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा औस्ट्रेलिश के नाम से जाना जाता है |
सूर्य के धब्बे का तापमान आसपास के तापमान से 1500 डिग्री सेल्सियस कम होता है | सूर्य के धब्बों का एक पूरा चक्र 22 वर्षों का होता है; पहले 11 वर्षों तक यह धब्बा बढता है और बाद में 11 वर्षों तक यह धब्बा घटता है | जब सूर्य की सतह पर यह धब्बा दिखलाई पड़ता है, उस समय प्रथ्वी पर चुम्बकीय झंझावात (Magnetic Storms ) उत्पन्न होते है | इससे चुम्बकीय सुई की दिशा बदल जाती है एवं रेडियों, टेलीवीजन,बिजली,चालित मशीन आदि में गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है |
सूर्य का व्यास लगभग 13 लाख 92 हजार किमी है , जो प्रथ्वी के व्यास के व्यास का लगभग 110 गुना है |
सूर्य हमारी प्रथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है, और प्रथ्वी को सूर्यताप का 2 अरबवां भाग मिलता है |
गृह :
गृह वे खगोलीय पिंड है जो निम्न शर्तों को पूरा करते है
जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करता हो |
उसमे पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बाल हो जिससे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सके |
उसके आस - पास का क्षेत्र साफ हो यानि उसके आस - पास एनी खगोलीय पिंडो की भीड़ - भाड़ न हो |
ग्रहों की उपर्युक्त परिभाषा आई. एन.यू. की प्राग सम्मेलन (अगस्त - 2006 ई.) में तय की गई है |
गृह की इस परिभाषा के आधार पर यम (Pluto) को गृह की श्रेणी से निकाल दिया गया है |
फलस्वरूप ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गई है |
यह सूर्य का सबसे नजदीक गृह है, जो सूर्य निकलने के 2 घंटे पहले दिखाई देता है |
यह सबसे छोटा गृह है, जिसके पास कोई उपग्रह नहीं है |
इसका सबसे विशिष्ट गुण है - इसमें चुम्बकीय क्षेत्र का होना |
यह सूर्य के नजदीक होने के कारण सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरा कर लेता है |
यहाँ दिन अति गर्म व रातें बर्फीली होती है | इसका तापान्तर सभी ग्रहों से सबसे अधिक 600 डिग्री सेल्सियस है | इसका रात में तापमान 173 डिग्री सेल्सियस व दिन का तापमान 427 डिग्री सेल्सियस हो जाता है |
शुक्र (Venus) :
यह प्रथ्वी का निकटतम, सबसे चमकीला एवं सबसे गर्म गृह है |
इसे सांझ का तारा या भोर का तारा कहा जाता है, क्योंकि यह शाम में पश्चिम दिशा में तथा सुबह में पूरब की दिशा में आकाश में दिखाई पड़ता है |
यह अन्य ग्रहों के विपरीत चक्रण करता है
इसके प्रथ्वी का भगिनी गृह कहते है |
यह घनत्व,आकार एवं व्यास में प्रथ्वी के समान है |
इसके पास कोई उपग्रह नहीं है
प्रथ्वी (Earth) :
इसे नीला ग्रह कहते है।
अपने अक्ष पर 23 डिग्री 30 अंश झुका हुआ है।
अपने आधार तल पर 66 डिग्री का कोण बनाता है।
पृथ्वी के झुकाव और परिक्रमण के कारण ऋतु परिवर्तन होता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 घंटे 56 मिनट में एक चक्कर लगाती है।
पृथ्वी 365 दिन में 6 घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है जिसके कारण 1 वर्श होता है।
इसका एक मात्र उपग्रह - चन्द्रमा है।
सूर्य के बाद प्रथ्वी के सबसे निकट का तारा प्राक्सीमा सेंचुरी है, जो अल्फ़ा सेंचुरी समूह का एक तारा है | यह प्रथ्वी से 4.22 प्रकाशवर्ष दूर है |
आकर एवं बनावट की द्रष्टि से प्रथ्वी गृह शुक्र गृह के सामान है |
पहला मंगलयान (Mars Orbit Mission - MOM ) 5 नवम्बर, 2013 को श्री हरिकोटा (आन्ध्रप्रदेश) से ध्रुवीय अन्तरिक्ष प्रक्षेपणयान PSLV - C - 25 से प्रक्षेपित किया
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