Biology, asked by maahira17, 10 months ago

निम्नलिखितों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए-
(क) प्रतिकृतीयन का उद्भव
(ख) बायोरिएक्टर
(ग) अनुप्रवाह संसाधन

Answers

Answered by nikitasingh79
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(क) प्रतिकृतीयन का उद्भव (Origin of replication) :  

जब दाता के जीनों में डीएनए का कोई खंड प्रविष्ट करवाया जाता है तो वह परपोषी के साथ समाकलित हो जाता है, तथा वह डीएनए का एक भाग बनकर नई संतति में स्थानांतरित हो सकता है । गुणसूत्र पर प्रतिकृतिकरण आरंभ करने हेतु विशिष्ट डीएनए अनुक्रम उपस्थित होते हैं ,जो ओरिजिन आॅफ रेप्लीकेशन का उद्गम स्थल कहलाते हैं विदेशी खंड का डीएनए प्रवेश होने पर उस डीएनए के अनुक्रम होते हैं जो डीएनए प्रतिकृति करके परपोषी में अपने सामान कई प्रतियां बना सकता है।

(ख) बायोरिएक्टर (Bioreactors):  

इसमें सूक्ष्मजीवों, पादप, जंतु या मानव कोशिकाओं की सहायता से कच्चे पदार्थ को जैविक रूप से विशिष्ट उत्पादों एवं व्यषि्ट  एंजाइमों, आदि में परिवर्तित किया जाता है।  

बायोरिएक्टर द्वारा अधिकतम वांछित उत्पाद प्राप्त करने के लिए अनुकूलतम परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है। विलोडक रिएक्टर  सबसे ज्यादा काम में आने वाले बायोरिएक्टर है।  

(ग) अनुप्रवाह संसाधन (Downstream processing) :  

संवर्धन द्वारा जैव संश्लेषण पूरा होने पर वांछित उत्पादों का प्रथक्करण एवं शुद्धिकरण किया जाता है। जिसे सामूहिक रूप से अनुप्रवाह संसाधन कहा जाता है । इसके द्वारा वांछित उत्पादों का निष्कर्षण किया जाता है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

 

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