निम्नलिखित को सचित्र समझाइए –
(i) टिण्डल प्रभाव
(ii) ब्राउनी गति।
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Explanation:
: जब कोलॉइडी विलयन में प्रकाश पुंज गुजारा जाता है तो प्रकाश पुंज के लंबवत देखने पर प्रकाश पुंज का पथ चमकीला दिखाई देता है इसे टिण्डल प्रभाव कहते है तथा चमकीले पथ को टिंडल कोण कहते है।
उदाहरण :
अँधेरे कमरे में प्रकाश के पुंज पथ में धूल के कोलाइडी कण चमकते दिखाई देते है।
सिनेमा हॉल में प्रोजेक्टर द्वारा जब पर्दे पर प्रकाश पुंज डाला जाता है तो प्रकाश पुंज का पथ चमकीला दिखाई देता है।
व्याख्या :
कोलाइडी कण प्रकाश को अवशोषित कर उसे चारों ओर प्रकीर्णित करते है। जिससे प्रकाश पुंज का पथ चमकीला दिखाई देता है।
प्रश्न : वास्तविक विलयन टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित नहीं करता क्यों ?
उत्तर : वास्तविक विलयन के कणो का आकार छोटा होता है ये प्रकाश को अवशोषित तो कर लेते है परन्तु उसे प्रकीर्णित नहीं कर पाते।
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