Hindi, asked by shilparam7491, 11 months ago

निम्नलिखित काव्य पंक्ति में अलंकार एवं छंद बताइए । काज परे कछु और है, काज सरे कछु और । रही मन भावरे भये, नदी सरोवर मौर।।

Answers

Answered by rlsukhwal1980
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Answer:

Explanation:there is a anupras alankar

Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित काव्य पंक्ति में अलंकार एवं छंद

काज परे कछु और है, काज सरे कछु और ।

रही मन भावरे भये, नदी सरोवर मौर।।

निम्नलिखित काव्य पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है|

इन पंक्तियों में ‘अनुप्रास अलंकार’ एवं ‘दोहा’ छंद प्रयुक्त हुआ है। ये पंक्तियां रहीमदास का एक प्रसिद्ध दोहा है।

इन पंक्तियों में ‘क’ वर्ण की अनेक बार आवृत्ति हुई है। इस कारण यहां पर अनुप्रास अलंकार प्रकट होता है। अनुप्रास अलंकार में किसी काव्य में एक वर्ण या शब्द का अनेक बार प्रयोग होता हो वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है।

इसमें छंद का प्रकार ‘दोहा’ है चंद के अनेक प्रकार होते हैं, जिनमें दोहा, रोला, सोरठा, चौपाई, कुंडलिया, गीतिका, हरिगीतिका, सवैया जैसे अनेक प्रकार हैं। इन पंक्तियों में दोहा छंद प्रयुक्त हुआ है। दोहा एक मात्रिक छंद होता है, जिसमें 4 चरण होते हैं। विषम चरणों में 13-13 मात्राएं और सम चरणों में 11-11 मात्राएं होती हैं।

पंक्तियों का भाव : रहीमदास जी कहते है , काम पड़ने पर लोग कुछ दूसरी तरह व्यवहार करते हैं, और काम निकलते ही बदल जाते हैं, रहीमदास जी इस व्यवहार की तुलना शादी के समय सर पर लगाए हुये मौर यानी मुकुट से करते हैं जिसके बगैर शादी का होना संभव नहीं था, लेकिन विवाह सम्पन्न होते ही उस मुकुट को जो सर पर विराजमान था, नदी की धारा में प्रवाहित कर दिया जाता है।

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https://brainly.in/question/15673957

इन वाक्यों में कौन सा अलंकार है:-

1.' जथा पंख बिनु खग अति दीना'

2.'शब्द के अंकुर फूटे'

3. 'ऐ जीवन के पारावार'

4. 'हौले हौले जाती मुझे बांध निज माया से'​

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