निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस पहचानकर रस का नाम लिखिए :
वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से हिली, पली
अंत भी उसी गोद में शरण
ली, मूंदे द्रग वर महामरण !
Answers
Answered by
5
वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से हिली, पली
अंत भी उसी गोद में शरण
ली, मूंदे दृग वर महामरण
इन काव्य पंक्तियों में ‘करुण रस’ प्रकट हो रहा है। करुण रस का स्थायी भाव शोक होता है। जिसमें अपने किसी प्रियजन के बिछड़ जाने या दूर चले जाने से उत्पन्न दुख या वेदना होती है।
Explanation:
यह पंक्तियां सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता ‘सरोज स्मृति’ से ली गई हैं सरोज स्मृति कविता निराला ने अपनी युवा पुत्री के असामयिक मृत्यु के बाद लिखी थी और इस कविता में कवि ने अपनी पुत्री की असामयिक से उत्पन्न दुख व बिछोह का करुण भाव से वर्णन किया है, इसलिये इन पंक्तियों में करुण रस प्रकट हो रहा है।
Read more
https://brainly.in/question/6044044
Karun Ras ki paribhasha udaharan sahit
Similar questions
English,
4 months ago
Science,
4 months ago
Political Science,
4 months ago
Math,
8 months ago
English,
8 months ago
Physics,
11 months ago
Math,
11 months ago
World Languages,
11 months ago