निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में से उपमेय छाँटिए।
1. प्रीति-नदी में पाउँ न बोरयो, दृष्टि न रूप परागी
2. निर्धन के धन-सी तुम आई
3. सामने टिकते नहीं वनराज, पर्वत डोलते हैं,
काँपता है कुंडली मारे समय का व्याल।
4. राजनीति के चंदन-वन में,
साँप विषैले पनप रहे हैं।
5. यह शिला-सा वक्ष ये चट्टान-सी मेरी भुजाएँ।
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Answer:
a) बोरयो
b) धन-सी
c) वनराज
d) चंदन-वन
e) शिला-सा
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