निम्नलिखित काव्यांश की प्रसंग सहित व्याख्या करें।
अभी न होगा मेरा अंत
अभी अभी ही तो आया
मेरे वन में मृदुल वसंत
अभी न होगा मेरा अंत ।
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ध्वनि कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने प्रकृति का बहुत ही सुंदर और अद्भुत वर्णन किया है। इस कविता में उन्होंने प्रकृति की मदद से मानव के मन की भावनाओं को दर्शाया है। ध्वनि कविता में कवि निराला जी कह रहे हैं कि अभी तो उनके वसंत रूपी यौवन की शुरुआत ही हुई है, अभी उनका अंत नहीं होने वाला।
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