निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए- ओ देशवासियों, बैठ न जाओ पत्थर से, ओ देशवासियो, रोओ मत तुम यों निर्झर से, दरख्यास्त करें, आओ, कुछ अपने ईश्वर से वह सुनता है ग़मज़दों और रंजीदों को। जब सार सरकता-सा लगता जग-जीवन से अभिषिक्त करें, आओ, अपने को इस प्राण से- हम कभी न मिटने देंगे भारत के मन से दुनियां ऊँचे आदर्शों की, उम्मीदों की साधना एक युग-युग अंतर में ठनी रहे य यह भूमि बुद्ध-बापू से सुत की जनी रहें प्रार्थना एक युग-युग पृथ्वी पर बनी रहे (क) कवि देशवासियों को क्या कहना चाहता है ? 1) निराशा और जड़ता छोड़ों 2) जागो, आगे बढो 3) पढ़ों, लिखों, कुछ करो 4) डरो मत, ऊँचे चढ़ो (ख). कवि किसकी और किससे प्रार्थना की बात कर रहा है ? 1. भगवान और जनता 2. दुखी लोग और ईश्वर 3. देशवासी और सरकार 4. युवा वर्ग और ब्रिटिश सत्ता (ग). कवि भारतीयों को कौन-सा संकल्प लेने का कहता है? 1. हम भारत को कभी न मिटने देंगे 2. जीवन में सार-तत्व को बनाए रखेंगे 3. उच्च आदर्श और आशा के महत्व को बनाए रखेंगे 4. जग-जीवन को समरसता से अभिषिक्त करेंगे (घ) ‘यह भूमि बुद्ध-बापू से सुत की जनी रहे’- का भाव है 1. इस भूमि पर बुद्ध और बापू ने जन्म लिया 2. इस भूमि पर बुद्ध और बापू जैसे लोग जन्म लेते रहें 3. यह धरती बुद्ध और बापू जैसी है 4. यह धऱती बुद्ध और बापू को हमेशा याद रखेगी (ङ) कवि क्या प्रार्थना करता है? 1. योगी, संत और शहीदों का हम सब सम्मान करें 2. युगों-युगों तक यह धरती बनी रहे 3. धरती माँ का वंदन करते रहें 4. भारतीयों में योगी, संत और शहीद अवतार लेते रहें
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निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प हैं-
Explanation:
(क) 1. कवि देशवासियों को निराशा और जड़ता छोड़ने को कहना चाहता है।
(ख) 2. कवि दुखी लोग और ईश्वर से प्रार्थना की बात कर रहा है।
(ग) 2. कवि भारतीयों को जीवन में सार-तत्व को बनाए रखने का संकल्प लेने का कहता है।
(घ) 2. ‘यह भूमि बुद्ध-बापू से सुत की जनी रहे’ कवि का भाव है कि इस भूमि पर बुद्ध और बापू जैसे लोग जन्म लेते रहे हैं।
(ङ) 4. कवि प्रार्थना करता है कि भारतीयों में योगी, संत और शहीद अवतार लेते रहें ताकि राष्ट्र एवं समाज लगातार उन्नति करता रहे।
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