निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
दीजिए-
मोर पखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरे पहिरौंगी।
ओढि पितंबर लै लकुटी बन गोधन ग्वारनि संग फिरौंगी।
भावतो वोहि मेरो रसखानि सों तेरे कहे सब स्वांग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।
(ख) कृष्ण के स्वांग से संबंधित कौन सा स्वांग करने में गोपी स्वयं को असमर्थ
(ग) 'या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरोगी' इस काव्य पंक्ति में
कौनसा अलंकार है और यहां 'मुरलीधर' किसको कहा गया है?
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Krishna ji ko murlidhar kaha gya hai
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