निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 1x5=5
सूख गई है झील रसवंती
मिट्टी ही बची है नरम, साँवली, सहस्रों दुख-दरारवाली
अब वे दिन याद आते हैं
इस किनारे से उस किनारे तक अछोर पानी और हवा
पुराने महलों से बातें करता, ढलता
पश्चिम का वर्षा सूर्य
झील तट के कंकाल पेड़ों पर पछतावा करती बैठी होंगी चिड़ियाँ
स्त्रियाँ खिन्नमन घाटों से लौट रही होंगी।
आगे देखने वाले भद्रजन झील की मिट्टी बेचने आएँगे
सुना है यहाँ गांधी की प्रार्थना सभा होगी
आएँगे उनके देशी-विदेशी परिजन शोकाकुल झील-तट वासियों को धीरज देने।
आएँगी सुब्बालक्ष्मी मीरा का पद गाने
हरि तुम हरो जन की पीर।
(क) रसवंती कौन है? क्यों सूख गई है?
(ख) पहले उसका सौंदर्य कैसा रहा होगा?
(ग) पेड़ों को कंकाल' क्यों कहा ? चिड़ियों को क्या पछतावा है ?
(घ) भद्र जन कौन हैं? वे सूखी झील से भी कैसे लाभ कमा लेते हैं ?
(ङ) भाव स्पष्ट कीजिए:
"स्त्रियाँ खिन्नमन घाटों से लौट रही होंगी।"
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Answer:
झील तट के कंकाल पेड़ों पर पछतावा करती बैठी होंगी चिड़ियाँ
स्त्रियाँ खिन्नमन घाटों से लौट रही होंगी।
आगे देखने वाले भद्रजन झील की मिट्टी बेचने आएँगे
सुना है यहाँ गांधी की प्रार्थना सभा होगी
आएँगे उनके देशी-विदेशी परिजन शोकाकुल झील-तट वासियों को धीरज देने।
आएँगी सुब्बालक्ष्मी मीरा का पद गाने
हरि तुम हरो जन की पीर।
(क) रसवंती कौन है? क्यों सूख गई है?
(ख) पहले उसका सौंदर्य कैसा रहा होगा?
(ग) पेड़ों को कंकाल' क्यों कहा ? चिड़ियों को क्या पछतावा है ?
(घ) भद्र जन कौन हैं? वे सूखी झील से भी कैसे लाभ कमा लेते हैं ?
(ङ) भाव स्पष्ट कीजिए:
"स्त्रियाँ खिन्नमन घाटों से लौट रही होंगी।"
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