निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
कार्तिक की एक हसमुख सुबह नदी तट से लौटती गंगा नहाकर सुवासित भीगी हवा सदा पावन, मां सरीखी
अभी जैसे मंदिरों में चढ़ाकर खुश रंग फूल, ठंड से सीत्कारती घर में घुसी और सोते देख मुझे जगाती हो, सिरहाने रख एक अंजलि फूल हरसिंगार के नर्म ठंडी उंगलियों से गाल छूकर प्यार से बाल बिखरे हुए तनिक संवारके।
1) गंगा नदी के तट से नहा कर कौन लौट रही है ?
II) नदी के किनारे से आने वाली हवा की विशेषता इनमें से कौन सी नहीं है:
1) सदैव पवित्र ii) नम तथा सुगंधित III) मदहोश कर देने वाली
नदी की ओर से आने वाली हवा कवि के घर में प्रवेश करती है, उस समय कवि किस में व्यस्त है?
IV) नदी तट से लौटती गंगा नहाकर सुवासित भीगी हवा में कौन सा अलंकार है? |
i) उपमा अलंकार
ii) अनुप्रास अलंकार ii) रूपक अलंकार iv) मानवीकरण अलंकार
IV) शीतल
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Explanation:
1- कार्तिक
ll- सदैव पवित्र
कवि तब सोने में व्यस्त होता है।
उपमा अलंकार है।
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
कार्तिक की एक हसमुख सुबह नदी तट से लौटती गंगा नहाकर सुवासित भीगी हवा सदा पावन, मां सरीखी अभी जैसे मंदिरों में चढ़ाकर खुश रंग फूल, ठंड से सीत्कारती घर में घुसी और सोते देख मुझे जगाती हो, सिरहाने रख एक अंजलि फूल हरसिंगार के नर्म ठंडी उंगलियों से गाल छूकर प्यार से बाल बिखरे हुए तनिक संवारके।
I) गंगा नदी के तट से नहा कर कौन लौट रही है ?
उत्तर : गंगा नदी के तट से सुवासित भीगी हवा लौट रही है।
II) नदी के किनारे से आने वाली हवा की विशेषता इनमें से कौन सी नहीं है:
1) सदैव पवित्र ii) नम तथा सुगंधित III) मदहोश कर देने वाली
उत्तर : नदी के किनारे से आने वाली हवा की विशेषता इनमें से ये नही है कि वो मदहोश करने देने वाली हवा नही है। नदी के किनारे से आने वाली हवा सदैव पवित्र और नम तथा सुगंधित है।
III) नदी की ओर से आने वाली हवा कवि के घर में प्रवेश करती है, उस समय कवि किस में व्यस्त है?
उत्तर : नदी की ओर से आने वाली हवा कवि के घर में जब प्रवेश करती है, उस समय कवि सो रहा होता है।
IV) नदी तट से लौटती गंगा नहाकर सुवासित भीगी हवा में कौन सा अलंकार है? |
i) उपमा अलंकार ii) अनुप्रास अलंकार ii) रूपक अलंकार iv) मानवीकरण अलंकार IV) शीतल
उत्तर : नदी तट से लौटती गंगा नहाकर सुवासित भीगी हवा में मानवीकरण अलंकार है क्योंकि इसमें हवा को मानवी रूप में क्रिया करते हुए यानि नहाते हुए दर्शाया गया है। मानवीकरण अलंकार में भी प्रकृति के तत्वों को मानवीय रूप में क्रिया करते हुए दिखाया जाता है।
#SPJ3
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काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं।आठहुँ सिद्धि नवौ निधि के सुख नंद की गाइ चराइ बिसारौं॥रसखान कबौं इन आँखिन सौं, ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं।कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं॥
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निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
1) कवि भारतीय युवकों को कैसा जीवन जीने के लिए कहता है ?
ii) “नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है, स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है” से क्या आशय है ?
iii) प्रस्तुत काव्यांश का मूल स्वर स्पष्ट कीजिए |
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