निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नो के उत्तर दीजिए
डार द्रुम पालना बिछौना नव पल्लव के,
सुमन झिगुला सोहै तन छवि, भारो दै।
पवन झुलावै, केकी-कीर बतरावै 'देव'
कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दे।
पूरित पराग सो उतारो करै राई नोन
कंजकली नायिका लतान सिंर सारीदै।
मदन महीप जू को बालक बसंत ताहि
प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै।।
क) काव्यांश का सन्दर्भ लिखे।
ख) कवि किसकी बिस्तर लगाने की कह रहा है।
ग) कंजकली से क्या तात्पर्य है।
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सुमन झिगुला सोहै तन छवि, भारो दै।
पवन झुलावै, केकी-कीर बतरावै 'देव'
कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दे।
पूरित पराग सो उतारो करै राई नोन
कंजकली नायिका लतान सिंर सारीदै।
मदन महीप जू को बालक बसंत ताहि
प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै।।
क) काव्यांश का सन्दर्भ लिखे।
ख) कवि किसकी बिस्तर लगाने की कह रहा है।
ग) कंजकली
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