निम्नलिखित काव्यांश किस पाठ से लिया गया है ? इसके कवि के नाम का उल्लेख
करते हुए काव्यांश का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए
निंदक नियरे राखिए. ऑगन कुटी छवाय ।
बिन पानी साबुन बिना, निरमल करत सुधाय ॥
जो लोग पीछे थे तुम्हारे, बढ गए, हैं बढ़ रहे,
पीछे पड़े तुम, दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !
पर कर्म-तैल बिना कभी विधि-दीप जल सकता नहीं,
है दैव क्या ? साँचे बिना कुछ आप ढल सकता नहीं ॥
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