निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ, प्रसंग सहित भावार्थ लिखिये-
नए हाथ से वर्तमान का रूप सँवारो, नई तूलिका से चित्रों के रंग उभारो। नए राग को नूतन स्वर दो, भाषा को नूतन अक्षर दो। युग की नई मूर्ति-रचना में इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है।।
Answers
Answer:
प्रसंग- कवि ने इस कविता में प्रकृति का वर्णन किया है। यह कविता जाति-धर्म रंग-भेद जैसे रूढ़िवादी परंपराओं की जकड़ निकलकर, नए मौलिक विचारों को अपनाने के प्रयास करने की बात करती है। ऐसे विचार जो समाज को अतीत की परछाइयों सी निकालकर वर्तमान के उजाले की ओर ले जाएं जिनसे इस धरा का पुननिर्माण हो और वह स्वर्ग सी सुंदर बन जाए।
भावार्थ- नए हाथों से प्रकृति तथा सुविधाओं में सुधार लाओ। नईं कलाओं से चित्रों के रंग उभारो। रागों को नया स्वर, नया संगीत दो। भाषाओं को नए शब्द दो। युग की नई मूर्ति-रचना में इतने काबिल बनो कि जितना स्वयं सृजन है।
Explanation:
For sandarbh you have to write that from where the poem is taken and who is the poet of this poem
Answer:
निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ, प्रसंग सहित भावार्थ लिखिये- नए हाथ से वर्तमान का रूप सँवारो, नई तूलिका से चित्रों के रंग उभारो। नए राग को नूतन स्वर दो, भाषा को नूतन अक्षर दो। युग की नई मूर्ति-रचना में इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है।