Hindi, asked by rkcoloursstudio, 10 months ago


निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

जिदगी वही तक नहीं ध्वजा जिस जगह विगत युग ने गाडी.
मालूम किसी को नहीं अनागत नर की सुविधाएँ सारी।
सारा जीवन नप चुका, कहे जो, वह दासता प्रचारक है।
नर के विवेक का शत्र मनुज की मेधा का सहारक है।
जो कहे सोच मत स्वयं बात जो कहूं मानता चल उसको
नरकी स्वतंत्रता की मलिका तू कहा अति प्रबल उसको
नर के स्वतंत्र चिंतन से जो डरता वह कदर यह aविचारी है
भेड़िया बुद्धि को जो देता जुल्मी है अत्याचारी है. (क) ध्वजा जिस जगह विगत युग ने गाड़ी का आशय लिखिए तथा व्यक्ति को कौन सी बात मालूम नहीं है. (ख) ने दासता का भाव फैलाने वाला किसको माना है और क्यों. ( ग) कवि ने बुद्धि को भेड़िया पहचानने वाला जुल्मी तथा अत्याचारी किसे कहा है तथा कवि की दृष्टि कायर तथा aविचारी भी कौन है​

Answers

Answered by pramilanishad47
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Answer:

1 इस पंक्ति से आशय यह है कि ज़िन्दगी वहीं तक नहीं रहती हैं जिस जगह पे विगत कुछ वर्षो पहले जिस जगह पे ध्वज को गाडी है। 2 सारा जीवन जो अपने आप को दूसरे के लिए चुकाता रहा है यही दासता का प्रचार है दासता का प्रचार मानव को माना है। 3 कवि ने बुध्दि को भेड़िए पहनाने वाला जुल्मी तथा अत्याचारी मानव को कहा है कवि की दृष्टि से कायर और अविचारी मानव है

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