CBSE BOARD X, asked by beenabaghel1983, 11 months ago

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

धन्य तुम, माँ भी तुम्हारी धन्य!
चिर प्रवासी मै इतर, मैं अन्य!
इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क
उँगलियाँ माँ की कराती रही है मधुपर्क
देखते तुम इधर कनखी मार
और होती जब कि आंखें चार
तब तुम्हारी दंतुरित मुसकान
मुझे लगती बड़ी ही छविमान!

प्रश्न

I दतुरित मुसकान से क्या तात्पर्य है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

II कवि ने अपने को प्रवासी, इतर और अतिथि क्यों कहा है?

III प्रस्तुत काव्यांश मे किन-किनके बीच संवाद है?

(कृतिका-२)chapter-6 यह दंतुरित मुस्कान
pls answer it correctly​

Answers

Answered by praharajsumita
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Explanation:

Kabhi apni Pravasi Dar Ko Dekhte Hue yah batate Hain Ki Ek dant aur Muskan Dhanya to man bhi Dhanya Tumhari Mahima chir Pravasi mein itra mein Anya Kafi sari baten Hain

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