निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
क्या रोकेंगे प्रलय मेध ये, क्या विद्युत-घन के नर्तन, मुझे न साथी रोक सकेंगे, सागर के गर्जन-तर्जन।
मैं अविराम पथिक अलबेला रूके न मेरे कभी चरण, शूली के बदले फूलों का किया न मैने मित्र चयन। में विपदाओं में मुसकाता नव आशा के दीप लिए, फिर मुझको क्या रोक सकेगे जीवन के उत्थान पतन।
में अटका कब, कब विचलित मैं, सतत डगर मेरी संबल, रोक सकी पगले कब मुझको यह युग की प्राचीर निबला आधी हो, ओले वर्षा हो, राह सुपरिचित है मेरी, फिर मुझको क्या हरा सकेगे ये जग के खंडन-मंडन।
मुझे डरा पाए कब अपड, ज्वालामुखियों के कंपन, मुझे पथिक कब रोक सके है अग्निशिखाओं के नर्तन। मैं बढ़ता अविराम निरंतर तन मन में उन्माद लिए,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे. ये बादल- विद्युत नर्तन।
कविता में आए मेघ, सागर की गर्जना और ज्वालामुखी किनके प्रतीक है? कवि ने
उनका संयोजन यहाँ क्यों किया है? शूलों के बदले पूलली
किया न मैने चयन - पक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। युग की प्राचीर से क्या तात्पर्य है? उपर्युक्त काथ्यांश के आधार पर कवि के स्वभाव की किन्नही टो विशेषता का उल्लेख
का
कीजिए ।
उत्थान पतन शब्द में समास बताइए।
Answers
¿ कविता में आए मेघ, सागर की गर्जना और ज्वालामुखी किनके प्रतीक है? कवि ने उनका संयोजन यहाँ क्यों किया है ?
✎...कविता में आए मेघ, सागर की गर्जना और ज्वालामुखी आदि जीवन रूपी बाधाओं के प्रतीक बनाए गए हैं। कवि ने उनका संयोजन यहां मनुष्य की संघर्षशीलता को दिखाने के लिए किया है। कवि ने इन प्रकृति के इन तत्वों को जीवन रूपी कठिन बाधाओं का प्रतीक बनाकर इन से मनुष्य की संघर्षशीलता एवं साहस का वर्णन किया है और कहा है कि मनुष्य अपने संकल्प के बल पर इन सभी बाधाओं पर विजय पाकर निरंतर अपने पथ पर चलता रहता है।
¿ ‘शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन’ इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिये।
✎... ‘शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन’ इस पंक्ति का तात्पर्य यह है कि पथिक यानि मनुष्य ने रास्ते में आने वाली चुनौतियों को स्वीकारा। उसने आरामदायक स्थिति को नकारा और कठिन स्थिति को स्वीकार करते हुए उनसे मुकाबला किया।
¿ युग के प्राचीर से कवि का क्या तात्पर्य है ?
✎... युग की प्राचीर से तात्पर्य जीवन में समय रूपी बाधाओं से है। कवि कहने का तात्पर्य यह है कि जो संकल्पवान व्यक्ति होता है। वह जीवन में आने वाली किसी भी तरह की बाधाओं व संकट से नहीं घबराता और वह इन बाधाओं से मुकाबला कर उस युग की प्राचीर को लांघ ही लेता है।
¿ उपर्युक्त काथ्यांश के आधार पर कवि के स्वभाव की किन्ही दो विशेषता का उल्लेख का कीजिए ।
✎... उपर्युक्त काव्यांश के आधार पर कवि के स्वभाव की विशेषता यह है कि...
कवि निरंतर बिना रुके अपने पथ पर चलने वाला एक संघर्षशील और साहसी व्यक्ति है।
कवि ने बाधाओं से नहीं घबराते हुए जीवन की चुनौतियों को स्वीकार किया और कठिनाइयों से मुकाबला करने का निश्चय किया।
¿ उत्थान पतन शब्द में समास बताइए।
✎... उत्थान-पतन का समास विग्रह होगा...
— उत्थान-पतन : उत्थान और पतन
— समास का नाम : द्वंद्व समास
द्वंद्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं और समासीकरण करते समय उनके बीच में तथा, और, एवं, व, जैसा कोई भी योजक लगाया जाता है।
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