निम्नलिखित को व्यवस्थित कीजिए-
(i) को उनकी बढ़ती हुई विद्युत्चालकता के क्रम में।
(ii) LiH, NaH तथा CsH आयनिक गुण के बढ़ते हुए क्रम में।
(iii) H-H, D-D तथा F-F को उनके बंध-वियोजन एन्थैल्पी के बढ़ते हुए क्रम में।
(iv) को बढ़ते हुए अपचायक गुण के क्रम में।
Answers
निम्नलिखित को व्यवस्थित कीया गया है -
(i) CaH_2, BeH_2, TiH_2 को उनकी बढ़ती हुई विद्युत्चालकता के क्रम में –
TiH_2 कमरे के तापमान पर बिद्युत का चालक होता है; CaH_2 संलयक अबस्था में बिद्युति का चालक होता है और BeH_2 सहसंयोजी हाइड्राइड होने के कारण बिद्युत चालक नही है। इसीलिए क्रम है - BeH_2<CaH_2<TiH_2
(ii) LiH, NaH तथा CsH आयनिक गुण के बढ़ते हुए क्रम में -
Li की बिद्युतऋणत्वकता Na से ज्यादा है और Na की बिद्युतऋणत्वकता Cs से ज्यादा है। इसीलिए आयनिक गुण के बढ़ते हुए क्रम है – LiH<NaH<CsH
(iii) H-H, D-D तथा F-F को उनके बंध-वियोजन एन्थैल्पी के बढ़ते हुए क्रम में-
F की परमाणु के छोटे आकार के कारण F-F बंधन में दो F परमाणु के बीच प्रतिकर्षण होता है। और D परमाणु H से छोटा होता है इसलिए क्रम होगा – F-F<H-H<D-D
(iv) NaH, MgH_2 तथा H_2O को बढ़ते हुए अपचायक गुण के क्रम -
H_2O का अपचायक गुण MgH_2 से कम होता है, क्योंकि H_2O की आबंन्ध बियोजोन ऊर्जा बोहोत ज्यादा होता है। MgH_2 तथा H_2O सहसंयोजक हाइड्राइड है और NaH एक लवणीय हाइड्राइड है – इसीलिए क्रम है - H_2O< MgH_2< NaH