निम्नलिखित कथन किन महापुरुषों के हैं
क) खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसीवाली रानी थी।---
Answers
खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसीवाली रानी थी।
✎... यह कथन झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के लिए है, जो अपनी वीरता के लिए जानी जाती थीं।
ये कथन सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता झांसी की रानी की पंक्तियां है...
बुंदेलों हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मरदानी, वो तो झाँसी वाला रानी थी।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एक वीरांगना थी, जिन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी। इस तरह उन्होंने अपना नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया। वो बचपन से ही वीरांगना थी और गंगाधर राव से विवाह के बाद वो झांसी की रानी बनीं, लेकिन उनके पति की मृत्यु के बाद उनके राज सिंहासन पर अंग्रेजों की कुदृष्टि पड़ गई और उन्होंने झांसी पर कब्जा कर लिया। अपने राज्य को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए उन्होंने निरंतर कड़ा संघर्ष किया और हार नहीं मानी। अंततः अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया।
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