निम्नलिखित कविता के प्रसंगो का नाट्यीकरण (संवाद) रूप में लेखन कीजिए :
छात्रों के लिए सूचना पन्नानं, 13 पर ' बंदर का धंधा 'कविता का अध्ययन करें।
साथसादर एकदिन,
सुरसा-मेष सावाला।
पालभाचार बोला-मुझको,
खासी और जुकाम,
पीपलीजाधाम ।
पानी में मइन् उमाली,
अंबर बोला-रस गिलोय का,
तीन बार तुम पीना,
कलसेही तुमडांस करोगी
ईना. मीना, डीना।
बिल्लीचोली-मुकामोआमा,
शिकार पर कैसे जा, ,
ऐसी ही लाओ।
अंदर बोला-धीबार तुम
दोनों समय लगाओ,
অষক বন- এ
फीस मुझे देजाओ।
चल निकला चंदर का धंधा,
अब वह मौज मनाता,
अच्छी-अभी जड़ी-बूटियाँ.
जंगल से पंह लाता।
बंदर -
बिल्ली
बंदर -
भालू
बंदर
लोमडी
बंदर
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