निम्नलिखित लोकोक्तियों का भाव-पल्लवन करो:
(क) अधजल गगरी छलकत जाए।
(ख) होनहार बिरबान के होत चिकने पात।
(ग) अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।
(घ) जाको राखे साइयाँ मार सके न कोय।
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1- डींग हाँकना।
2-होनहार के लक्षण पहले से ही दिखायी पड़ने लगते है।
3-समय निकल जाने के पश्चात् पछताना व्यर्थ होता हैl
4-जिसके साथ ईश्वर होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर निर्मित है।
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Hope this will help you.
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