निम्नलिखित में कौन सा धर्म के वास्तविक अर्थ को प्रतिबिंबित नहीं करता ? *
1 point
वह गुण, स्वभाव अथवा कर्तव्य, जो सृष्टि के हित के लिए धारण किया जाए।
अपने समुदाय और स्वहित के विकास के लिए किए जाने वाले सभी कार्य धर्म हैं।
धर्म का अर्थ आध्यात्मिक प्रौढ़ता, भक्ति, दया, मानव समुदाय के प्रति कर्तव्य आदि है l
' धारयते इति धर्म:' अर्थात जिसे धारण किया जा सके।
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सही जवाब है...
► अपने समुदाय और स्वहित के विकास के लिए किए जाने वाले सभी कार्य धर्म हैं।
♦ उपरोक्त वाक्य धर्म के वास्तविक अर्थ को प्रतिबिंबित नहीं करता। ♦
स्पष्टीकरण:
धर्म का वास्तविक अर्थ यह होता है कि वह गुण स्वभाव तथा कर्तव्य की दृष्टि से सृष्टि के हित के लिए धारण किया जाए। धर्म का शाब्दिक अर्थ भी यही है ‘धारयते अति धर्म’ अर्थात जिसे धारण किया जाए वही धर्म कहलाता है। कोई भी धर्म आध्यात्मिक उन्नति को प्रेरित करता है, वह भक्ति भाव को उत्पन्न करने वाला तथा सभी प्राणियों के प्रति दया करने की प्रेरणा देता है और यही मानवता का परम कर्तव्य होता है। कोई भी धर्म मानवता सिखाता है, मानवता, दया, प्रेम एवं स्नेह से ही प्रकट होती है।
केवल अपने समुदाय और स्वहित के विकास के लिए किए जाने वाले कार्य धर्म नहीं होता। इसलिए ऊपर दिए गए विकल्पों में से दूसरा विकल्प गलत है।
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