निम्नलिखित में से असत्य कथन छांटिए -
a रघुवीर सहाय ने काव्य-रचना में अपनी पत्रकार-दृष्टि का सर्जनात्मक उपयोग किया है।
b उनके काव्य-संसार में आत्मपरक अनुभवों की जगह जनजीवन के अनुभवों की रचनात्मक अभिव्यक्ति अधिक है।
c जीवनानुभवों की अभिव्यक्ति के लिए वे कविता की संरचना में कथा या वृत्तांत का उपयोग करते हैं।
d उनके काव्यों में यथार्थ की अपेक्षा कल्पना की उड़ान अधिक है l
Answers
प्रश्न में दिये गये कथनों में से निम्नलिखित कथन गलत है...
d. उनके काव्यों में यथार्थ की अपेक्षा कल्पना की अधिक उड़ान है।
स्पष्टीकरण:
a. सत्य ▬ रघुवीर सहाय ने अपनी काव्य रचना में अपनी पत्रकार दृष्टि का सर्जनात्मक उपयोग किया है, क्योंकि वह स्वयं एक पत्रकार थे और नवभारत टाइम्स समाचार पत्र के सहायक संपादक तथा दिनमान पत्रिका के संपादक भी रहे हैं।
b. सत्य ▬ उनके काव्य संसार में आत्मपरk अनुभवों की जगह जनजीवन के अनुभवों की रचनात्मक अभिव्यक्ति रही है> उनकी अधिकतर कविताएं आजादी के बाद विशेषकर साठ के दशक के बाद के भारत की तस्वीर को समग्रता से प्रस्तुत करती हैं> उन्होंने अपनी कविताओं में शोषण, अन्याय, हत्या, आत्महत्या, विषमता, दासता, जाति-धर्म में बंटे समाज की व्यवस्थाओं को उजागर किया है, इसलिए उनकी कविताएं यथार्थ के निकट रही हैं और जन जीवन के अनुभवों की रचनात्मक अभिव्यक्ति से परिपूर्ण रही हैं।
c. सत्य ▬ जीवन अनुभवों की अभिव्यक्ति के लिए वे कविता की संरचना में कथा या वृतांत का उपयोग करते रहे हैं।
d. असत्य ▬ लेकिन उनके काव्य में यथार्थ की अपेक्षा कल्पना की उड़ान अधिक है, यह बात बिल्कुल असत्य है, क्योंकि उनकी कविताएं यथार्थ के अधिक निकट रही हैं और उन्होंने हमेशा समसामयिक मुद्दों को अपनी कविताओं के माध्यम से छुआ है। उन्होंने स्त्री विमर्श के बारे में लिखा है, आम आदमी की पीड़ा जाहिर की है और ऐसे अनेक मुद्दों को छुआ है, जिन पर हिंदी साहित्य जगत में पहले बहुत कम लिखा गया था। इस तरह उनकी कविताएं कल्पना से अधिक यथार्थ के अधिक निकट रही हैं।
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Answer:
जीवनानुभवों की अभिव्यक्ति के लिए वे कविता की संरचना में कथा या वृत्तांत का उपयोग करते हैं।
Explanation: