निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) संचारी भाव से आप क्या समझते हैं ?
(ख) वात्सल्य रस का एक उदाहरण लिखिए ।
(ग) वीर रस का स्थायी भाव कौन-सा है ?
(घ) उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की।
अरे खिल-खिला कर हंसते होने वाली उन बातों की।
उपर्युक्त पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए।
(ड) शोक किस रस का स्थायी भाव है।
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Answer:
I am not knowing one answer also
Explanation:
sorry
(क)संचारी भाव से आप क्या समझते हैं ?
=> रस की और वस्तु या विचार का नेतृत्व करते हे उसे संचारी भाव कहते हे।
(ख) वात्सल्य रस का एक उदाहरण लिखिए ।
=> वात्सल्य रस के अन्य उदाहरण
किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत । मनिमय कनक नंद कै आँगन, बिंब
पकरिबैं धावत ॥ कबहुँ निरखि हरि आपु छाहँ कौं, कर सौं पकरन चाह।
(ग) वीर रस का स्थायी भाव कौन-सा है ?
=> वीर रस: वीर रस का स्थाई भाव उत्साह है। श्रृंगार के साथ स्पर्धा करने वाला वीर रस है। श्रृंगार, रौद्र तथा वीभत्स के साथ वीर को भी भरत मुनि ने मूल रसों में परिगणित किया है।
(घ) उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की।
अरे खिल-खिला कर हंसते होने वाली उन बातों की।
उपर्युक्त पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए।
=> उक्त पंक्तोयों से से कवि का आशय निजी प्रेम का उन मधुर और सुख-भरे क्षणों से है, जो कवि ने अपनी प्रेमिका के साथ व्यतीत किये थे । चाँदनी रातों में बिताए गए वे सुखदायक क्षण किसी उज्ज्वल गाथा की तरह ही पवित्र है जो कवि के लिए अपने अन्धकारमय जीवन में आगे बढ़ने का एकमात्र सहारा बनकर रह गया । इसीलिए कवि अपने जीवन की उन मधुर स्मृतियों को किसी से बाँटना नहीं चाहता बल्कि अपने तक ही सीमित रखना चाहता है ।
(ड) शोक किस रस का स्थायी भाव है।
=> अद्भुत रस का स्थायी भाव 'आश्चर्य' होता है जब ब्यक्ति के मन में विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तुओं को देखकर जो विस्मय आदि के भाव उत्पन्न होते हैं उसे ही अदभुत रस कहा जाता है।