निम्नलिखित में से कौनसा रोग प्रतिरक्षा तंत्र की कमी से होता है?
(1) आई डी डी एम
(2) मायस्थीनिया ग्रेविस
(3)
एलर्जी
(4) एस सी आई डी
Answers
Answer:
प्रश्न 1. प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है? (H.P. 2015)
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क की इच्छा के बिना होने वाली अनैच्छिक क्रिया है। यह स्वायत्त प्रेरक की प्रत्युत्तर है। यह बहुत स्पष्ट और यांत्रिक प्रकार की है। ये मेरूरज्जू द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा कराई जाती है जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती है जबकि ‘टहलना’ एक ऐच्छिक क्रिया है जो मनुष्य सोच-विचार कर ही करता है।
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्गंथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
(H.P. 2013 Set-B, 2014 Set-B)
उत्तर-प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सूचना आगे प्रेषित करते हैं। सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत आवेग उत्पन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और तंत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है। तंत्रिकाक्ष के अंत में विद्युत आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उत्पन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी प्रकार विद्युत आवेश को आरंभ कराते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है। इसी प्रकार का एक अंतर्ग्रथन (Synapse) ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं या ग्रंथियों तक ले जाता है।
प्रश्न 3. मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2011, Set-A, 2013 Set-C)
उत्तर-अनुमस्तिष्क (cerebellum) शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है। यह प्रमस्तिष्क के पिछले भाग में नीचे की ओर स्थित होता है। यही ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 4. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर -हमारी नाक में गंध ग्राही होते हैं। इनके संवेदी न्यरान अगरबत्ती की गंध को ग्रहण हैं और अनुक्रिया को प्रेरकक्षेत्र तक पहुँचाते हैं। अग्र मस्तिष्क (Cerebrum) में ग्राही से संवेदी आवेग प्राप्त करने का क्षेत्र होता है जो सूंघने के लिए विशिष्टीकृत है। वही गंध का निर्णय लेकर अगरबत्ती की सुगंध का हमें अनुभव कराता है।
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